मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के तेली भट्यान आश्रम में बुधवार सुबह 5 बजे देशभर में ख्याति प्राप्त 110 वर्षीय संत सियाराम बाबा ने देह त्याग दिया. जैसे ही बाबा के निधन की खबर फैली, लाखों श्रद्धालु आश्रम में उमड़ पड़े. बाबा के चमत्कार और तपस्या की कहानियां सुनने वालों की संख्या करोड़ों में थी.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोपहर 3 बजे बाबा के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. उन्होंने बाबा को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आश्रम बनाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि बाबा के योगदान को सहेजने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएंगे. इसके अलावा सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि बाबा का समाधि स्थल बनाया जाएगा, भट्टयान में नर्मदा नदी का घाट बनाया जाएगा और भट्टयान को पर्यटक स्थल के रूप विकसित किया जाएगा.
देशभर से पहुंचे श्रद्धालु
दिल्ली, मुंबई समेत देशभर से साधु-संत और बाबा के अनुयायी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. शाम 6 बजे तक 4 लाख श्रद्धालु आश्रम पहुंच चुके थे. सोशल मीडिया पर बाबा के लाखों फॉलोअर्स उनकी मृत्यु से आहत हैं. संत श्री सियाराम बाबा को निमोनिया हो गया था और वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.
बाबा के चमत्कार और तपस्या
श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा एक केतली से हजारों लोगों को चाय पिलाते थे, जो कभी खत्म नहीं होती थी. उन्होंने नर्मदा किनारे एक पैर पर 10 साल तक तपस्या की थी.
निमोनिया के कारण बिगड़ी तबीयत
बाबा पिछले 10 दिनों से निमोनिया से जूझ रहे थे. प्रशासन और डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी, लेकिन बुधवार को उन्होंने देह त्याग दिया.