यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र; सीएम योगी के भाषण के बिना ही सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित, हंगामेदार रहा चौथा दिन

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार को भारी शोरशराबे की बीच अनिश्चिकालीन के लिए स्‍थगित कर दिया गया। यह पहला मौका है जब अनुपूरक बजट पर सीएम योगी आदित्‍यनाथ के वक्‍तव्‍य के बिना ही सदन की कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी है। दरअसल महाकुंभ पर पिछले दो दिनों से चर्चा नहीं हो पा रही है। इस पर चर्चा के दौरान ही सपा के विधायकों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

सत्र की कार्यवाही गुरुवार को शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने गृहमंत्री अमित शाह के संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। सपा सदस्य विधानसभा में डॉ. अंबेडकर की फोटो लेकर पहुंचे थे। सदन की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा होता रहा। हंगामे के बीच ही अनुपूरक बजट पास कर दिया गया और इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

बगैर चर्चा अनुपूरक बजट पास

दरअसल, सपा सांसदों से विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार शांत रहकर चर्चा में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह लोग मन बनाकर आए हैं कि आज सदन नहीं चलने देंगे। सदन में चर्चा नहीं करेंगे। हंगामा करेंगे। वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट मंजूर करने का प्रस्ताव पेश किया। हंगामे के बीच ही अनुपूरक बजट बिना चर्चा के पारित हुआ और विधानसभा अध्यक्ष ने सर्व सम्मति के बजट पारित करने की घोषणा की।

‘कुंभ विपक्ष का एजेंडा नहीं है’

विधानसभा अध्यक्ष ने सपा विधायकों के हंगामे के बीच कहा कि कुंभ विपक्ष का एजेंडा नहीं है। इसलिए वह चर्चा नहीं करना चाहता है। लेकिन अनुपूरक बजट पर चर्चा करें। मेरा काम है कि अनुपूरक बजट पर चर्चा हो। सुरेश खन्ना ने कहा की कुंभ पर चर्चा से भागना संस्कृति और सनातनी लोगों का अपमान है। विपक्ष ने कहा था कि कुंभ पर चर्चा कराई जाए। कुंभ में 40 करोड़ लोग आएंगे। ऐसा आयोजन पूरी दुनिया में कहीं नहीं होता है।

हजरतगंज में धरने पर बैठे निष्‍कासित विधायक अतुल प्रधान

उधर, विधानसभा अध्यक्ष महाना से बहस के बाद निष्कासित किए गए सपा विधायक अतुल प्रधान हजरतगंज में बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए हैं। अतुल प्रधान को बुधवार को विधानसभा के पूरे सत्र से निष्कासित कर दिया था। इसके पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बाबा साहेब का सम्मान भाजपा ने सबसे ज्यादा किया। विपक्ष ने बाबा साहेब के बनाए संविधान की प्रस्तावना को भी बदल दिया। बाबा साहेब को विपक्ष ने कभी सम्मान नहीं दिया।

विपक्ष ने बाबा साहब को कभी सम्‍मान नहीं दिया: सतीश महाना

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सदन में किसानों के मुद्दे पर चर्चा करनी है। बाबा साहब का सम्मान सभी करते हैं। पूरा प्रदेश देख रहा है। मै आपसे प्रार्थना करता हूं कि अपनी सीट पर जाएं। विपक्ष ने बाबा साहेब को कभी सम्मान नहीं दिया। बाबा साहब की फोटो का सम्मान कीजिए, उसे गले से लगाइए।

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