Raees Defamation Case : बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान को 8 साल पुराने मामले में गुजरात हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। लतीफ के वारिसों ने रईस फिल्म को लेकर शाहरुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें रईस फिल्म के निर्माता के खिलाफ 101 करोड़ रुपये की मांग की गई। शाहरुख खान, रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और अन्य ने इस दावे को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी।
इस मामले में शाहरुख खान को गुजरात हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। गुजरात हाईकोर्ट ने गैंगस्टर अब्दुल लतीफ (Raees Defamation Case) के उत्तराधिकारियों को वादी के रूप में शामिल होने की अनुमति देने वाले निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ के मेकर्स को राहत मिली है। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को तीन दिन के अंदर मूल मुकदमे में वादी पक्ष के नाम कम करने का निर्देश दिया गया था।
क्या था पूरा मामला?
साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म रईस गुजरात के गैंगस्टर अब्दुल लतीफ की कहानी पर आधारित थी। फिल्म की रिलीज के बाद लतीफ के परिवार ने अपने परिवार की छवि खराब करने के लिए सिविल कोर्ट में 101 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया। जिसके बाद रेड चिलीज़ और अन्य रईसों के निर्माताओं ने इस दावे को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
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इससे पहले मामले में निचली अदालत ने लतीफ के उत्तराधिकारियों को 101 करोड़ रुपये के हर्जाने के मानहानि मुकदमे में शामिल होने की अनुमति दी थी। उस बाद किंग खान समेत अन्य लोगों ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देकर गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
फिल्म का ट्रेलर देखकर दायर किया मुकदमा
इस फिल्म में शाहरुख खान ने अब्दुल लतीफ के किरदार पर आधारित किरदार निभाया था। 2016 में लतीफ के बेटे मुश्ताक शेख ने फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद मानहानि का मुकदमा किया और 18 फीसदी ब्याज के साथ 10 करोड़ रुपये भी वसूले। 101 करोड़ का हर्जाना मांगा गया। लतीफ के बेटे का आरोप है कि फिल्म से उनके पिता की छवि खराब हुई है।
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हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को किया रद्द
इस केस के दौरान 6 जुलाई 2020 को लतीफ के बेटे की मौत हो गई। जिसके बाद उनकी विधवा पत्नी और दोनों बेटियों ने मानहानि के मुकदमे में प्रतिवादी के रूप में शामिल होने के लिए 27 अप्रैल 2022 को एक आवेदन दायर किया। जिसे अहमदाबाद के सिविल कोर्ट ने बरकरार रखा और उन्हें वादी के रूप में शामिल किया। जिसके बाद निचली अदालत के आदेश को रईस और रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के निर्माता शाहरुख खान ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति के मरते ही हर्जाने की कार्रवाई समाप्त हो जाती है। इसलिए मृतक के उत्तराधिकारियों को मानहानि का मुकदमा करने का अधिकार नहीं है।