Order To Reduce Anti Cancer Drugs Prices: केंद्र सरकार ने कैंसर के मरीजों को राहत देते हुए दवाओं की कीमतें कम करने का आदेश दिया है। ब्रेस्ट कैंसर और लंग्स के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के दाम अब कम हो जाएंगे।
सस्ते होंगे ये Anti Cancer Drugs
सरकार ने फार्मा कंपनियों को कैंसर की दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने और जीएसटी में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आदेश दिया है। राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण अथॉरिटी ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर स्तन कैंसर और फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली तीन प्रमुख एंटीबायोटिक दवाएं ट्रैस्टुज़ुमैब, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवालुमैब की रेट्स में कटौती करने का हुक्म दिया है।
हालांकि, खुदरा मूल्य में वास्तविक कमी इस बात पर निर्भर करती है कि निर्माता और वितरक कर बचत का लाभ मरीजों तक कैसे पहुंचाते हैं।
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यदि सम्पूर्ण जीएसटी कटौती को लागू कर दिया जाए, तो मरीजों को दवा की कीमतों में लगभग 7% की कमी देखने को मिल सकती है (जीएसटी दर में 7% की कटौती से)।
बजट में हटा दी गई कस्टम ड्यूटी
केंद्र सरकार ने 2024-25 में ही इन तीन कैंसर दवाओं को सीमा शुल्क से छूट दे दी थी। वित्त मंत्रालय ने 23 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर बताया था कि तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से घटाकर जीरो कर दी गई है।इस कटौती का डायरेक्ट फायदा दवा की एमआरपी कम करके उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए।
10 अक्टूबर से लागू हो चुकी नई कीमतें
सरकार ने तीन कैंसर दवाओं पर टेक्स को 12% से घटाकर 5% कर दिया।
ये कैंसर रोधी दवाएं इम्यूनिटी ट्रीटमेंट हैं, जो ब्रिटिश-स्वीडिश मेडिसिन और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा बेची जाती हैं। इसलिए फार्मा कंपनियों को 10 अक्टूबर से ही इन Anti Cancer Drugs की कीमतें घटाकर नई कीमतें लागू करने का ऑर्डर दिया था। इसने निर्माताओं को एमआरपी कम करने और डीलरों, राज्य दवा नियंत्रकों और सरकार को मूल्य परिवर्तन के बारे में सूचित करने का भी निर्देश दिया था।
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भारत में कैंसर मरीजों की संख्या
लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कैंसर मरीजों की संख्या 14 लाख के पार पहुंच गई है। जो हर साल बढ़ता ही जा रहा है। साल 2020 के आंकड़ों को देखें तो कैंसर के मरीज 13.9 लाख, वहीं साल 2021 में 14.2 लाख और साल 2022 में 14.6 लाख मामले सामने आए हैं।