Hardik Pandya’s net worth: इस साल के आईपीएल के दौरान खबर आई कि नताशा और हार्दिक के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। हालाँकि, शुरुआत में इसे पीआर स्टंट भी कहा गया था। लेकिन, इन अफवाहों ने उस समय जोर पकड़ा जब अचानक ही नताशा ने अपनी शादी की तस्वीरें इंस्टाग्राम से हटा दीं और सरनेम भी बदल ली थी। अब आज नताशा और हार्दिक ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर इस बात की पुष्टि कर दी है कि दोनों आधिकारिक तौर पर अलग हो गए हैं। इसके बाद क्रिकेट फैंस के बीच उनके बेटे अगत्स्य की कस्टडी और संपत्ति के बंटवारे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर किया एलान
दोनों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसका ऐलान किया है और नेगेटिव कमेंट्स से बचने के लिए कमेंट सेक्शन भी बंद कर दिया है। खबरें थीं कि दोनों के बीच पिछले कई दिनों से अनबन चल रही थी। हाल ही में नताशा अपने सर्बिया के घर में चली गईं। इसके अलावा अनंत अंबानी-राधिका मर्चेंट की शादी में भी हार्दिक अकेले ही दिखे थे। हार्दिक पंड्या और नताशा स्टेनकोविक की शादी हिंदू और ईसाई दोनों रीति-रिवाजों से हुई। ऐसे में शादीशुदा जिंदगी में पत्नी के कानूनी अधिकारों के बारे में जानना जरूरी है। हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya’s net worth) की नेटवर्थ 91 करोड़ मानी जाती है। वहीं नताशा की नेट वर्थ 20 करोड़ बताई जाती है।
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तलाक की स्थिति में संपत्ति का अधिकार
एक रिपोर्ट के मुताबिक, तलाक की स्थिति में अगर पत्नी अपने पति से दूर चली जाती है या पति ने उसे छोड़ दिया है तो वह अपने नाम की संपत्ति में 50 फीसदी हिस्सा और पति की संपत्ति में 50 फीसदी हिस्सा मांग सकती है. . अगर पति-पत्नी दोनों ने मिलकर कोई संपत्ति अर्जित की है तो पत्नी अपने 50% हिस्से के अलावा पति के बाकी 50% हिस्से में भी हिस्सा मांग सकती है।
कुछ तलाक के मामलों में पत्नी भरण-पोषण का दावा कर सकती है यदि संपत्ति पूरी तरह से पति के नाम पर है। क्योंकि उन्हें प्राथमिक कानूनी उत्तराधिकारी माना जाता है। यदि पत्नी ने पति के नाम पर पंजीकृत संपत्ति में आर्थिक योगदान दिया है, तो वह अपने योगदान का प्रमाण प्रस्तुत करके पति की उस संपत्ति पर दावा भी कर सकती है।
यदि पत्नी ने स्वयं कोई संपत्ति खरीदी है या बसाई है तो ऐसी संपत्ति पर उसका अपना पूरा अधिकार होता है। उसे इसे बेचने, रखने या किसी को गिफ्ट में देने का पूर्ण अधिकार है।
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भरण-पोषण का अधिकार
एक महिला तलाक द्वारा कानूनी अलगाव के दौरान अपने और बच्चों के लिए आईपीसी-125 के तहत भरण-पोषण का दावा कर सकती है। हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 की धारा 25 के अनुसार, पत्नी को भरण-पोषण एकमुश्त या अदालत द्वारा निर्धारित मासिक भुगतान के रूप में दिया जा सकता है।
‘स्त्रीधन’ पर भी हो सकता है क्लेम
महिला द्वारा अर्जित अर्जित संपत्ति के अलावा, वह शादी के दौरान या उसके बाद उपहार में दी गई सभी संपत्ति, उसके आभूषण, बचत जिसे ‘स्त्रीधन’ कहा जाता है, पर भी दावा कर सकती है। ये सारी चीज़ें उसे वापस मिल सकती हैं।
हार्दिक ने 2020 में दुबई में नताशा को प्रपोज किया और 31 मई 2020 को लॉकडाउन में शादी कर ली। दोनों की शादी हिंदू और वेस्टर्न दोनों रीति-रिवाजों से हुई थी। 30 जुलाई को बेटे अगस्त्य का जन्म हुआ। जिसका नाम अगत्स्य रखा गया। हाल ही में नताशा को एक खास शख्स के साथ एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया। दोनों अब नताशा के मूल देश सर्बिया पहुंच गए हैं। ये बात नताशा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए बताई।
अब बेटे की देखभाल कौन करेगा?
हार्दिक ने अपने बेटे की देखभाल के बारे में लिखा है, ‘हम भाग्यशाली हैं कि हमारे जीवन में बेटा अगस्त्य है। हमारा बेटा हमेशा हमारे जीवन का सहारा रहेगा।’ हम दोनों इसका ख्याल रखेंगे। हम पूरी कोशिश करेंगे कि बेटे को दुनिया की सारी खुशियां मिलें और उसकी खुशी के लिए हम जो भी कर सकेंगे वो करेंगे।’ हम इस कठिन समय में आपके समर्थन और हमारी प्राइवेसी को समझने की आशा करते हैं।’