बसपा के पूर्व एमएलसी मु. इकबाल की 4440 करोड़ की संपत्ति जब्त, अवैध खनन के मामले में ईडी ने कसा शिकंजा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के फरार पूर्व बसपा विधान परिषद सदस्य मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की एक जांच के तहत सहारनपुर में करीब 4,440 करोड़ रुपए मूल्य का एक विश्वविद्यालय भवन और जमीन कुर्क की. संघीय जांच एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अस्थायी अवधि के लिए कुर्की आदेश जारी किए जाने के बाद ग्लोकल युनिवर्सिटी की 121 एकड़ जमीन और इमारत को कुर्क कर लिया गया है.

ईडी ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पाम से पंजीकृत है जिसका प्रबंधन और संचालन मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्य करते हैं. इसने कहा कि इकबाल, ट्रस्ट और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई अवैध खनन मामले से संबंधित है. ईडी के अनुसार, पूर्व विधान परिषद सदस्य फरार हैं और माना जाता है कि वह दुबई में हैं.

कई मामलों में जेल में बंद

ईडी ने कहा कि उनके चार बेटे और भाई अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों में जेल में हैं. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में रेत खनन पट्टों के कथित अवैध नवीनीकरण और कई खनन पट्टा धारकों, कुछ सरकारी अधिकारियों और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जांच के लिए दिल्ली में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी से उपजा है.

अवैध खनन में शामिल थी फर्म

ईडी ने कहा कि सभी खनन फर्म मोहम्मद इकबाल समूह के स्वामित्व वाली थीं और उन्हीं के द्वारा संचालित थीं. ये फर्म सहारनपुर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं. जांच एजेंसी ने कहा कि आयकर रिटर्न में मामूली आय दर्शाए जाने के बावजूद, मोहम्मद इकबाल की खनन कंपनियों के बीच करोड़ों रुपए के लेन-देन पाए गए हैं, जबकि व्यापारिक गतिविधियों से इसका कोई संबंध नहीं है.

इसने दावा किया है कि ये धनराशि कई फर्जी कंपनियों के जरिए और दान के रूप में लेनदेन के माध्यम से अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में भेजी गई. एजेंसी ने कहा कि ट्रस्ट की धनराशि का इस्तेमाल सहारनपुर में जमीन खरीदने और ग्लोकल विश्वविद्यालय के लिए इमारतों के निर्माण में किया गया.

युनिवर्सिटी की इमारत का निर्माण

एजेंसी ने कहा कि अवैध खनन से अर्जित 500 करोड़ रुपए से अधिक का इस्तेमाल जमीन खरीदने और युनिवर्सिटी की इमारत के निर्माण में किया गया. इस संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य करीब 4,439 करोड़ रुपए है, जिसमें जमीन और इमारत शामिल हैं.

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