Delhi New CM Atishi: दिल्लीवासियों को आखिरकार नया मुख्यमंत्री मिल ही गया। अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली के नए सीएम. कौन, उस प्रश्न का उत्तर दिया गया है। जेल से रिहा होकर केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना को अपना उत्तराधिकारी चुना है। मंगलवार (17 सितंबर) को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।
इन दिग्गजों के नाम भी थे मुकाबले में
अरविंद केजरीवाल जी ने एलान किया था कि अब जब तक दिल्ली की जनता चुनाव में उन्हें जिताकर ईमानदार घोषित नहीं करती है, तब तक वह CM की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। अब इसी के तहत @ArvindKejriwal जी ने LG साहब को अपना इस्तीफा दे दिया है।
आज सुबह ही @AtishiAAP जी को AAP विधायक दल का नेता चुना… pic.twitter.com/mdEpgrrn4C
— AAP (@AamAadmiParty) September 17, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और राखी बिड़ला जैसे कई नाम थे, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम पर मुहर लगी। तो फिर सवाल उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को दिल्ली का नया सीएम बनाया, क्यों बनाया? आइए जानते हैं कारण।
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1)करीबी और भरोसेमंद नेता
आतिशी (Delhi New CM Atishi) को अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी और भरोसेमंद नेता माना जाता है। वह ‘अन्ना आंदोलन’ के समय से ही अरविंद केजरीवाल और संगठन से जुड़े हुए हैं।
2) शक्तिशाली महिला नेता है आतिशी
जब दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया जेल में थे, तब दृढ़ इच्छाशक्ति वाली आतिशी ने ‘आप’ का मोर्चा संभाला। केजरीवाल और सिसौदिया की गैरमौजूदगी में आतिशी AAP का मुख्य चेहरा बन गईं।
3) प्रशासनिक कार्य में निपुण
आतिशी सरकारी कामकाज और संगठनात्मक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना जानती हैं। वह मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया पेश करने में भी अच्छे हैं।
4) आक्रामक शैली
आतिशी विरोधियों के वार को टालने में माहिर हैं। वे आक्रामक भाषा में जवाब दे देकर विरोधियों की बोलती बंद कर देती हैं।
5) संगठन और नेताओं पर नियंत्रण
पार्टी के दो बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी में आतिशी ने अकेले ही संगठन और नेताओं का मनोबल बनाए रखा। उनकी बात पार्टी में वजन रखती है।
6)एकमात्र महिला नेता
आतिशी आम आदमी पार्टी सरकार में एकमात्र महिला मंत्री हैं। वह पार्टी में महिलाओं की अग्रणी आवाज बनकर उभरी हैं।
7) शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला
शिक्षा के क्षेत्र में ‘आप’ द्वारा उठाए गए कदम हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। मनीष सिसौदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने शिक्षा मंत्रालय की कमान संभाली। उन्होंने उसे जिम्मेदारी को बखूबी निभाकर पार्टी के लिए अपनी निष्ठा और जिम्मेदारियां को साबित कर दिखाया।
सफल राजनीतिक यात्रा
दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार हुआ है कि एक मुख्यमंत्री ने फ़ैसला लिया है कि उनके लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ही काफ़ी नहीं है, जब तक जनता की अदालत अपना फ़ैसला नहीं सुनाती है वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
दिल्ली की जनता @ArvindKejriwal जी को ही मुख्यमंत्री… pic.twitter.com/HtGaLEOe8m
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• 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर आतिशी को पूर्वी दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया था. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों के अंतर से हार गए।
• 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव आतिशी ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी धर्मवीर सिंह को 11,422 वोटों से हराया।
2023 में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे के बाद आतिशी को सौरभ भारद्वाज के साथ दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।
• अब साल 2024 में उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद मिला है। उस हिसाब से कहा जा सकता है कि राजनीति में जहां नेताओं के जूते घिस जाते हैं, वहां आतिशी अपेक्षाकृत जल्दी सीएम बन गईं हैं।
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केजरीवाल ने तोड़ा रिकॉर्ड
कुल 156 दिन जेल में रहकर अरविंद केजरीवाल ने भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। ईडी ने कथित शराब भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किए जाने के बाद करीब 51 दिन बाद 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी। 2 जून को सरेंडर करने के बाद 26 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गया था और तब से केजरीवाल तिहाड़ जेल में थे।