Nitish Kumar Reddy : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की सीरीज का चौथा मैच इस समय मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेला जा रहा है। इस मैच के तीसरे दिन भारतीय ऑलराउंडर Nitish Kumar Reddy ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की पहली पारी में शतक जड़ा दिया। नीतीश ने 171 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। इस दौरान उन्होंने 10 चौके और एक छक्का लगाएं। यह नीतीश कुमार के छोटे से टेस्ट करियर का पहला शतक था।
Nitish Kumar Reddy की शानदार पारी
इस मैच में जब Nitish Kumar Reddy क्रीज पर आए तो भारत का स्कोर 6 विकेट पर 191 रन था और फॉलोऑन खतरे में था। लेकिन नीतीश की शानदार पारी ने भारत को फॉलोऑन से बचाया। नीतीश ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ आठवें विकेट के लिए 127 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी की बदौलत ही भारतीय टीम फॉलोऑन से बच पाई।
डेब्यू पर आलोचकों को करारा जवाब
जब Nitish Kumar Reddy को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में जगह मिली तो इस फैसले पर कई सवाल उठे। पर्थ टेस्ट में अपने डेब्यू पर नीतीश ने आलोचकों को करारा जवाब दिया। पर्थ टेस्ट की पारी में नीतीश ने 41 और 38 रन बनाए। इसके बाद एडिलेड टेस्ट में भी उन्होंने दोनों पारियों में 42-42 रन बनाए। गाबा टेस्ट में नीतीश ने 16 रन बनाए।
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नीतीश के करियर के लिए पिता का बलिदान
Nitish Kumar Reddy का यहां तक पहुंचने का क्रिकेट सफर आसान नहीं रहा। दरअसल, नीतीश एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता ने उनके क्रिकेट करियर के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। यह उनके पिता की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि नीतीश आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्टार बनकर उभरे हैं। नीतीश ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मेरे पिता पहले व्यक्ति थे जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया कि मैं एक अच्छा क्रिकेटर बन सकता हूं।’ एक इंटरव्यू में नीतीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्याला ने अपने बेटे के बारे में बड़ा खुलासा करते हुए कहा, ‘राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में भारतीय टीम के सीनियर ऑलराउंडर हार्दिक से मुलाकात के बाद नीतीश का करियर बदल गया। तब से वह सिर्फ एक ऑलराउंडर बनना चाहता था।’
नीतीश 12 साल के थे, तब उनके पिता हिंदुस्तान जिंक में वर्कर थे। उनका ट्रांसफर विशाखापत्तनम से राजस्थान के उदयपुर में हुआ था।लेकिन मुत्याला रेड्डी ने नौकरी छोड़कर नीतीश को सपोर्ट किया। मुत्याला की सेवा के 25 साल बाकी थे जब उन्होंने जल्दी रिटायर होने का फैसला किया।
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सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद मुत्याला को कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वास्तव में, अपने बेटे को लगातार कोचिंग सेशन के लिए ले जाने से उनके पास नौकरी करने या अपने बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समय नहीं था। ऐसे में वह रिटायरमेंट फंड से मिलने वाले ब्याज से ही अपना घर चला रहे थे। इसे लेकर परिजनों की काफी आलोचना हुई थी। लेकिन इस पिता-पुत्र की जोड़ी ने कभी हार नहीं मानी. इतना ही नहीं उनकी मां मनसा भी हमेशा नीतीश के पक्ष में खड़ी रहीं।
हंस भी रहे थे और रो भी रहे थे मुत्याला रेड्डी
मेलबर्न में अपने बेटे को शतक बनाते देख मुत्याला रेड्डी खुद पर काबू नहीं रख पाए। इस बीच वह काफी भावुक हो गए और मैदान पर ही रोने लगे। वह अपने बेटे के शतक का जश्न तो मना रहे थे, लेकिन उनकी आंखें नम थीं। आख़िरकार, एक पिता के लिए इससे अधिक गर्व का क्षण क्या हो सकता है कि उसका बेटा न केवल परिवार बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करता हुआ देखे।
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कंगारू टीम के लिए समस्या बने Nitish Kumar Reddy
Nitish Kumar Reddy ऑस्ट्रेलिया के लिए एक ऐसी समस्या बन गए हैं जिसका तोड़ कंगारू टीम अभी तक नहीं ढूंढ पाई है। नितीश रेड्डी अब इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने अब तक 71 की औसत से 284 रन बनाए हैं. इस श्रेणी में अब केवल ट्रैविस हेड ही उनसे आगे हैं। नीतीश कुमार रेड्डी इस सिलसिले को जारी रखना चाहेंगे, ताकि वह इस दौरे को और भी यादगार बना सकें।