आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसादम लड्डू में घी की जगह फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी वाला तेल इस्तेमाल होने के दावे पर राजनीति गरमा गई है. मंदिर में एआर डेयरी कंपनी लड्डू तैयार करने के लिए घी की सप्लाई करती थी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एक दिन पहले ऐसा दावा किया था, फिर गुरुवार (19 सितंबर) को आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो गई.
तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने 12 मार्च 2024 को घी की खरीद का टेंडर निकाला था. जिसमें 8 मई को टेंडर फाइनल हुआ. जिसके बाद तमिलनाडु की एआर डेयरी को ये आर्डर मिला. क्योंकि, इस कंपनी 319 रुपए किलो गाय का शुद्ध घी का प्राइस कोट किया था.
नतीजे मिलने पर रोकी घी की आपूर्ति-TTD
टीटीडी के मुताबिक, बीते 6 जुलाई और 12 जुलाई को इस कंपनी ने चार टैंकर भेजे थे. इससे पहले 15 से लेकर 6 जुलाई तक इस कंपनी ने 6 टैंकर भेजे थे. जिसमें से एक टैंकर में 15 हजार लीटर घी की सप्लाई होती थी लेकिन 6 जुलाई को भेजे 2 टैंकर और 12 जुलाई को 2 टैंकर में से सैंपलों में गड़बड़ी के चलते उन्हें गुजरात भेजा गया और बाकी के टैंकरों पर रोक लगा दी गई.
नंदिनी घी की नहीं हो रही थी सप्लाई
हालांकि, तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए अभी जो गाय के घी की खरीददारी हो रही है, उसकी कीमत 478 रुपए लीटर है. जिसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन दे रहा है. दरअसल, साल 2023 में सरकारी डेयरी कर्नाटका मिल्क फेडरेशन ने जब 320 रूपये की कीमत पर घी सप्लाई करने से इनकार कर दिया और टेंडर से बाहर हो गई. इसके बाद 5 प्राइवेट कम्पनियों को घी की सप्लाई करने का ठेका दिया गया था.
आंध्र प्रदेश की सत्ता बदलने के बाद मामले ने पकड़ा तूल
इन 5 कंपनियों में से एक तमिलनाडु की एक कंपनी A R डेयरी एंड एग्रो फूड्स ने 320 रुपये लीटर घी देने का टेंडर दिया. जिसके बाद उसका टेंडर स्वीकार कर लिया गया और12 मार्च को टेंडर सबमिट किया गया. इसके साथ ही 8 मई को टेंडर जारी कर दिया गया और 15 मई को सप्लाई आर्डर दे दिया गया. इसके 20 दिन के बाद घी की सप्लाई शुरू हो गई. इस कंपनी ने कुल 10 टैंकर घी की सप्लाई की. इनमें से 6 का इस्तेमाल किया गया. ऐसे में जब आंध्र प्रदेश की सत्ता बदल गयी तो इस बात की शिकायत आई कि लड्डू के स्वाद और गुणवत्ता में कमी आई है.
तिरुपति मंदिर में कैसै पकड़ा गया मिलावटी घी?
इस मामले को लेकर तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम ने एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया. इस दौरान कमिटी ने सभी 5 सप्लायर्स के घी को टेस्ट करने के लिए कहा गया. जिसमें एआर डेयरी एन्ड एग्रो फ़ूड के सैंपल में इंटरनल तौर पर गड़बड़ी पाई गई, बाकी बचे हुए चार टैंकर्स को अलग कर दिया गया और इनमें से 2 टैंकर्स के सैम्पल्स को 6 जुलाई और बाकी 2 टैंकर्स के सैम्पल्स को 12 जुलाई को गुजरात के नेशनल डेयरी डेवेलपमेंट बोर्ड के लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया. जहां से जो रिजल्ट आया उसने सबको हैरान कर दिया.