Child Trafficking Ring: हैदराबाद पुलिस ने बाल तस्करी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया, 13 बच्चों को बचाया गया
Child Trafficking Ring: हैदराबाद पुलिस ने कई राज्यों में चल रहे बाल तस्करी के रैकेट में दखल देते हुए 13 असहाय बच्चों को बचाया है। कमिश्नर C. V. Anand के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान के परिणामस्वरूप इस जघन्य अपराध में शामिल कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। बचाए गए शिशुओं में नवजात से लेकर दो महीने के बच्चे तक शामिल थे, जो भयावह स्थिति में पाए गए। अब उन्हें बाल कल्याण अधिकारियों(child welfare officers) की निगरानी में महत्वपूर्ण चिकित्सा देखभाल और सुरक्षित आश्रय मिल रहा है। उनके माता-पिता की निरंतर खोज जारी है। कमिश्नर आनंद के नेतृत्व में की गई जांच में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में फैले एक जटिल नेटवर्क का पता चला। यह क्रूर गिरोह आर्थिक रूप से वंचित परिवारों(economically disadvantaged families) को अपने बच्चों के बेहतर भविष्य का वादा करके अपना शिकार बनाता था। हालांकि, चौंकाने वाली सच्चाई यह थी कि इन शिशुओं को निःसंतान दंपतियों(Childless couples) को बहुत अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था। सफल अभियान में सावधानीपूर्वक निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाना शामिल था। इसके बाद पुलिस टीमों ने हैदराबाद में कई स्थानों पर समन्वित छापेमारी की। कमिश्नर आनंद ने इस मिशन की जटिलता की सराहना की, जिसमें तस्करों द्वारा पहचान से बचने के लिए जाली दस्तावेजों और गुप्त परिवहन विधियों(Secret transportation methods) के उपयोग पर प्रकाश डाला गया।
कमिश्नर आनंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह कार्रवाई बाल तस्करी के खिलाफ हमारी निरंतर लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।” “हम इन आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने और कमजोर बच्चों की भलाई की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता में अडिग हैं।”
पुलिस बल अन्य राज्यों में अपने समकक्षों के साथ मिलकर तस्करी गिरोह के शेष सदस्यों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने का काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, नागरिकों को बाल तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
पुलिस की यह सफल कार्रवाई भारत में बाल तस्करी की भयावह वास्तविकता को रेखांकित करती है, जहां सामाजिक-आर्थिक कमजोरियां ऐसे भयानक अपराधों के लिए प्रजनन स्थल बनाती हैं।