Maldives-India dispute: मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू ने पहले ही भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और अब मालदीव सरकार भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए हेलीकॉप्टरों और हवाई जहाजों का इस्तेमाल भी बंद करने की सोच रही है।
पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से, मालदीव के नेता ने भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया है और कुछ ही घंटों के भीतर मांग की थी कि तीन aviation platforms का संचालन करने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक उनके देश से वापस भेज दिया जाए।
भारत में तोहफे में दिए थे हेलीकॉप्टर औरडोर्नियर विमान
मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने से पहले भारत ने वहां की सरकार को दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान उपहार में दिए थे। ताकि आपात स्थिति में मालदीव इसका इस्तेमाल कर सके। इतना ही नहीं भारत ने इन हेलीकॉप्टरों और विमानों को ऑपरेट करने के लिए सैनिकों की एक टुकड़ी भी तैनात की थी।
भारत पिछले कुछ सालों से दो हेलीकॉप्टरों और एक डोर्नियर विमान के साथ मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान कर रहा है।
मालदीव हिंद महासागर के मध्य में दुनिया के सबसे व्यस्त पूर्व-पश्चिम शिपिंग लेन में से एक पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थिति में है।
मालदीव की भारत से निकटता, साथ ही लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप से बमुश्किल 70 समुद्री मील और मुख्य भूमि के पश्चिमी तट से 300 समुद्री मील की दूरी, और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के माध्यम से चलने वाले वाणिज्यिक समुद्री मार्गों के केंद्र पर इसका स्थान इसे महत्वपूर्ण रणनीतिक बनाने में मे मुख्य भूमिका निभाता है।
10 मई तक भारत वापस लौटेंगे सैनिक
मोइज्जू सरकार के सत्ता की कमान अपने हाथों में ले ने के बाद ये सैनिक भारत लौटने पर मजबूर हो चुके हैं और अब करीब 89 सैनिकों का एक दल भारत लौटने के लिए 10 मार्च को रवाना हुआ था। 10 मई तक सभी 89 सैनिक भारत वापस लौट जायेंगे।
अब नहीं होगा भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का इस्तेमाल
भारत ने अब इन विमानों और हेलीकॉप्टरों को चलाने के लिए सैनिकों की जगह नागरिकों की एक टीम भेजी है, लेकिन मालदीव की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी (Maldives-India dispute) ने कहा है कि भविष्य में भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
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मालदीव सरकार ने शुरू की अपनी एयर एम्बुलेंस सेवा
यह भी सवाल है कि इस बयान के बाद मालदीव गए सिविल तकनीशियनों की टीम का क्या होगा। मालदीव सरकार ने अपनी एयर एम्बुलेंस सेवा भी शुरू कर दी है। जिसके कारण भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों की उड़ानें बंद होने की संभावना है। अब तक मरीजों को लाने-ले जाने के लिए केवल भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का ही इस्तेमाल किया जाता था।
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टेक्निशियनों की नई टीम को लेकर भी मोइज्जू सरकार को शक
मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू सरकार भारत द्वारा भेजी गई टेक्निशियनों की नई टीम को लेकर भी सशंकित है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार यह मानने को फिलहाल तैयार ही नहीं है कि नई टीम में शामिल लोग सैनिक नहीं हैं। मालदीव सरकार के अधिकारियों के मुताबिक इस नई टीम के सभी मेंबर्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा यानी कि वह नागरिक है या नहीं है।
उधर, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मंगलवार को कहा कि भारतीय विमानों को वापस भेजा जाना चाहि। भारतीय सैनिक अब मालदीव में नागरिक बनकर रहना चाहते हैं। कुल मिलाकर जो हालात सामने आ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि मालदीव (Maldives-India dispute) भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का इस्तेमाल बंद कर देगा।
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मुइज्जु कौन है?
ब्रिटिश-शिक्षित सिविल इंजीनियर, 45 वर्षीय मुइज़ू (Who is Mohamed Muizzu), देश की राजधानी माले के वर्तमान मेयर हैं। अपने गुरु अब्दुल्ला यामीन की सरकार में निर्माण मंत्री के रूप में कार्य करने के बाद वह राष्ट्रपति पद के लिए एक अप्रत्याशित उम्मीदवार थे।