
Maha Shivratri Mahakumbh : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है, जहां करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था, अखाड़ों की दिव्यता और संतों के आशीर्वाद ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। महाकुंभ का समापन बुधवार (26 फरवरी, 2025) को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अंतिम स्नान पर्व के साथ होगा। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 63 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।
Maha Shivratri Mahakumbh का दृश्य
#WATCH | Uttar Pradesh: Devotees continue to arrive in large numbers at Triveni Sangam in Prayagraj to be a part of #MahaKumbh2025 on its last day. The Mela will conclude today, 26th February, on Maha Shivratri.
Drone visuals from the area. pic.twitter.com/PdrMxJyhVt
— ANI (@ANI) February 26, 2025
महाकुंभ के महाशिवरात्रि स्नान (Maha Shivratri Mahakumbh) के दौरान यातायात को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए छह और आईपीएस अधिकारियों को भेजा गया है। प्रयागराज कुंभ मेले में यातायात प्रबंधन के लिए एक एडीजी और पांच आईजी भेजे गए हैं। यातायात प्रबंधन के लिए एडीजी पीएसी सुजीत पांडे, आईजी चंद्र प्रकाश, प्रीतेंद्र सिंह, राजेश मोदक और मंजिल सैनी को भी तैनात किया गया था। प्रत्येक अधिकारी को अलग-अलग मार्ग की जिम्मेदारी सौंपी गई।
Read this also: कॉन्सर्ट में धूम मचाने के बाद गर्लफ्रेंड के साथ Mahakumbh पहुंचे कोल्डप्ले स्टार, देखें वीडियो
मेला क्षेत्र ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित
महाकुंभ का अंतिम स्नान आज 26 फरवरी को है। चूंकि इसी दिन महाशिवरात्रि भी है, इसलिए महास्नान का महत्व बहुत अधिक है। उत्तर प्रदेश प्रशासन को उम्मीद है कि इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। जिसके चलते 25 फरवरी से कुंभ मेला क्षेत्र और शहर में नो-व्हीकल जोन लागू कर दिया गया है।
आवश्यक सामान जैसे दवाइयां, दूध, सब्जी आदि ले जाने वाले वाहनों, एंबुलेंस और सरकारी कर्मचारियों (डॉक्टर, पुलिस, प्रशासन) के वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और बंगाल समेत देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने प्रयागराज आए हैं।
गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, गोंडा, दीनदयाल उपाध्याय, झांसी व उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के रेलवे स्टेशनों पर प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या औसत से काफी अधिक रही। मध्य प्रदेश के चित्रकूट, जबलपुर, सतना, खजुराहो जैसे स्टेशनों पर भीड़ रही, वहीं झारखंड के धनबाद, बोकारो, रांची, गढ़वा और मेदिनी नगर स्टेशनों से भी बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज के लिए रवाना हुए।
अमृत स्नान (Maha Shivratri Mahakumbh) के बाद रेलवे स्टेशनों पर लोगों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है, जो अपने-अपने शहरों को लौट जाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे ने व्यापक तैयारियां की हैं और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यस्थलों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने शुरू में महाकुंभ के दौरान करीब 13,500 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई थी। महाकुंभ के 42वें दिन तक 15,000 से अधिक ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में विशेष ट्रेनें भी शामिल हैं।
Maha Shivratri Mahakumbh पर होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा, आश्रय, सुगम टिकट वितरण और बड़ी संख्या में ट्रेनों की व्यवस्था की है। प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर रेलवे वाणिज्य विभाग के 1500 से अधिक कर्मचारी और रेलवे सुरक्षा बल के 3000 से अधिक कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
Read this also: भगवा रंग में रंगे भूटान के राजा, Mahakumbh में सीएम योगी के साथ संगम में लगाई आस्था की डुबकी
Maha Shivratri Mahakumbh में वीआईपी प्रोटोकॉल रद्द
महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि से पहले आने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 4500 बसें चला रहा है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश रोडवेज यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि तीर्थयात्री सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से अपने गंतव्य तक पहुंचें। अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के लिए रोडवेज 4500 बसें चला रहा है।
Maha Shivratri Mahakumbh में भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए एक ओर जहां वीआईपी प्रोटोकॉल रद्द कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर स्नान के लिए तीन जोन की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत कोई भी श्रद्धालु किसी भी जोन में पहुंचे तो उसे वहीं स्नान करने की अनुमति होगी।