Jet Airways पर मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक सहित लैंडर्स की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, “लैंडर्स के लिए liquidation अंतिम उपाय के रूप में उपलब्ध होना चाहिए… क्योंकि सॉल्यूशन प्लान अब योग्य नहीं है।”
जेट एयरवेज ने 25 वर्षों तक फुल सर्विस एयरलाइन के रूप में उड़ान भरने के बाद पांच साल पहले अप्रैल में अपने मैनेजमेंट को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। फाइनेंशियल क्राइसिस के कारण एयरलाइन ने यह कदम उठाया। अब सुप्रीम कोर्ट के एयरलाइन को खत्म करने के आदेश के बाद इसकी दोबारा उड़ान भरने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई है। आइए जानें कंपनी कौन सी संपत्ति बेचने जा रही है।
बेचे जाएंगे ग्यारह विमान
बैंक की सबसे बड़ी संपत्ति मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के एयरपोर्ट पर खड़े जेट एयरवेज के ग्यारह विमान हैं, जिन्हें बेचा जाएगा। मुंबई हवाईअड्डे पर तीन बोइंग 777, दो एयरबस ए330 और एक बोइंग 737 समेत छह विमान खड़े हैं, उन्हें भी बेचा जाएगा।
बैंक इन्कम का ब्यौरा
दिल्ली एयरपोर्ट पर दो बोइंग 777 और एक बोइंग 737 हैं, जबकि हैदराबाद हवाई अड्डे पर एक बोइंग 737 और एक एयरबस ए330 है। बैंकों द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुसार, इन सभी विमानों की बिक्री से उन्हें 1,000 करोड़ से 1,500 करोड़ के तक की इन्कम होगी, हालांकि यहां कमाई का अंतिम मूल्यांकन लिक्विडेटर द्वारा ही तय किया जाएगा।
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मुंबई में Jet Airways की प्रोपर्टी
अन्य संपत्तियों में इंजन, सहायक बिजली इकाइयां (एपीयू), विमान के हिस्से और जनरेटर, टो ट्रैक्टर, वाहन, कंप्रेसर, कोच और ट्रॉलियां जैसे जमीनी उपकरण भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त, Jet Airways के पास मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक व्यावसायिक इमारत में आधी मंजिल है, जिसका मूल्य जून 2019 तक 245 करोड़ है।
350 करोड़ के केश का डायरेक्ट एक्सेस
बैंकों को Jet Airways के बैंक एकाउंट में जमा अंदाज़न 100 करोड़ रुपये कैश करने का भी मौका मिल सकता है। दुसरी तरफ बैंकों के पास जालान-कालरोक कंसोर्टियम द्वारा जमा की गई करीब ₹350 करोड़ के केश का डायरेक्ट एक्सेस मौजूद है। जेट एयरवेज की सभी परिसंपत्तियों का मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये हो सकता है, जो एयरलाइन के वित्तीय लेनदारों के लंबित बकाये का 13 प्रतिशत और एयरलाइन के खिलाफ कुल स्वीकृत दावों का 6.4 प्रतिशत है, परिसंपत्तियों की नीलामी से परिसंपत्तियों के कुल मूल्य का लगभग 50 प्रतिशत प्राप्त हो सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को अपने रेजोल्यूशन प्लान सबमिट करते समय जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम द्वारा दी गई ₹150 करोड़ की प्रदर्शन बैंक गारंटी को भुनाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कंसोर्टियम द्वारा एस्क्रो खाते में जमा किए गए 200 करोड़ को भी जब्त करने का फरमान जारी किया है।