यूपी के सहारनपुर निवासी जिस दंपति ने हरिद्वार की गंगा में छलांग लगाई थी, उसमें पति की लाश तो बरामद हो गई है, लेकिन अभी तक पत्नी का कोई पता नहीं चला पाया है. घटना के दो दिन बीत चुके हैं, पुलिस और गोताखोरों की टीम उसके शव की तलाश में हरिद्वार से रुड़की तक सर्च ऑपरेशन चला रही है.
कमेटी में जमा था मोटा पैसा
सौरभ बब्बर ने 8 साल पहले साईं समिति बनाई थी जिसमें पहले 20 सदस्य थे और फिर बाद में बढ़कर 25 सदस्य हो गए थे. साईं समिति के सभी मेंबर मिलकर गरीब लोगों की मदद किया करते थे. गरीब लोगों के लिए भंडारा किया करते थे, जो बहन बेटी गरीब थी उनको खाने के लिए खाना और कुछ राशन भी देते थे. साईं समिति के सदस्य विनय छाबड़ा ने बताया कि, ‘सौरभ मुझसे 9 तारीख को मिला था. हमारी साईं समिति में जितने भी सदस्य हैं सभी ₹5000 हर महीने समिति के नाम के दिया करते थे. 9 अगस्त को सौरभ मेरे पास आया और समिति के इकट्ठे हुए 1 लाख रुपए मुझे दिए. समिति के टोटल 1 लाख 45 हजार रुपए देने थे जिसमें से उसने मुझे कहा कि 45 हजार रह गए. उसके बाद वह चला गया.’
सौरभ बब्बर की शोक सभा में एक और कहानी सामने आई. शोक सभा के बाद लोग दबी जुबान से ‘बड़ा सर्राफ व्यापारी’ का नाम ले रहे थे. कहा जा रहा है कि इस सर्राफ व्यापारी का बेटा सौरभ के 7 करोड़ रुपये लेकर दुबई भाग गया.
7 करोड़ का सोना बुक
हर कोई यही बात कर रहे थे कि सौरभ बब्बर एक बड़े सर्राफा व्यापारी के साथ मिलकर काम किया करता था. इस बड़े व्यापारी से गोल्ड खरीद कर गोल्ड किट्टी कमेटी के मेंबरों को गोल्ड दिया करता था. करीबन 100 से अधिक मेंबरों को गोल्ड देना बाकी था जिसके लिए बड़े सर्राफा व्यापारी से करीबन 7 करोड रुपए का सोना बुक किया हुआ था. सर्राफा व्यापारी का बेटा कुछ दिन पहले 7 करोड़ों रुपए लेकर दुबई चला गया. इसके बाद सर्राफ व्यापारी ने सौरभ को पैसे/गोल्ड वापस करने से फिलहाल मना कर दिया.
कारोबारी सौरभ का शव सोमवार को गंगनहर किनारे से बरामद हो गया, जबकि पत्नी मोना बब्बर का पता नहीं लग सका. पुलिस और गोताखोर महिला की तलाश कर रहे हैं. दंपति के दो बच्चे हैं, जिन्हें वो नानी के घर छोड़ गए थे. बेटी की उम्र 11 साल जबकि बेटा 7 साल का है. बीते दिन बेटे ने पिता सौरभ को मुखाग्नि दी.
सौरभ पर था 10 करोड़ का कर्ज
रानीपुर थाना के प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि महिला का शव अभी नहीं मिला है और उसकी तलाश की जा रही है. विजय सिंह ने बताया कि जानकारी मिली है कि सौरभ पर करीब 10 करोड़ रुपये का कर्ज था. विजय सिंह ने बताया कि आत्महत्या से पहले सौरभ और उनकी पत्नी ने जो नोट लिखा उसमें यही दर्ज किया है कि वह कर्ज के दलदल में इस कदर फंसे हैं कि अब बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा और इसलिए वे अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं.