D-SIBs Bank list 2024 : इंडियन रिजर्व बैंक ने 31 मार्च 2024 तक प्राप्त आंकड़ों के नजर में रखते हुए D-SIBs बैंकों की एक लिस्ट जारी की है। डोमेस्टिक सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण एग्रीमेंट प्राप्त करने वाले बैंकों को एडिशनल कोमन इक्विटी टियर-I बनाए रखना आवश्यक है।
D-SIBs list में देश के Safest Banks
State Bank of India, HDFC Bank, ICICI Bank को एक बार फिर रिजर्व बैंक द्वारा डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपॉर्टेंट बैंक से सम्मानित किया गया है। रिजर्व बैंक ने बीते दिन 13 नवंबर को डी-एसआईबी बैंकों की लिस्ट की घोषणा की है। पिछले साल भी इन तीनों बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टेमैटिकली इम्पोर्टेंट बैंक (D-SIBs Bank list 2024) का दर्जा मिला था। D-SIBs list में शामिल बैंक डोमेस्टिक सिस्टम के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। साथ ही इन्हें देश का सबसे सुरक्षित बैंक भी माना जाता है। ये वे बैंक हैं जो सिस्टम के लिए इतने महत्वपूर्ण हैं कि उनका पतन पूरी अर्थव्यवस्था को डांवाडोल कर सकता है। इस प्रकार के बैंक इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि यदि यह बंद होने की कगार पर चले जाते हैं है तो सरकार स्वयं इसे बचाने का प्रयास करेगी।
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2014 में पहली बार अपनाया था D-SIBs कॉन्सेप्ट
रिजर्व बैंक ने D-SIBs list (Domestic Systemically Important Banks) तैयार करने के कॉन्सेप्ट को पहली बार 10 साल पहले साल 2014 में अपनाया था। 2015 में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और उसके अगले साल यानी 2016 में ICICI बैंक को इस लिस्ट में रखा गया था। एचडीएफसी बैंक ने 2017 में लिस्ट में एंट्री की थी।
D-SIBs के बकेट-4 में SBI
RBI ने इस बार स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को बकेट-4 में रखा है, जिसके तहत उसे 0.80 फीसदी का हाई सीईटी1 बनाए रखना होगा। जबकि, एचडीएफसी बैंक भी बकेट 2 में है, उसे 0.40 प्रतिशत का हाई सीईटी1 बनाए रखना होगा। ICICI बैंक को बकेट 1 में रखा गया है और CET1 बफर में एडिशनल 0.20 प्रतिशत बनाए रखने की उम्मीद है। एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए हायर डी-एसआईबी सरचार्ज तय, 01 अप्रैल 2025 से लागू होगा।
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D-SIBs के लिए कैपिटल आवश्यकताएं
D-SIBs के मुताबिक बैक को जिस बकेट में रखा जाता है, उसके बेस पर उस पर एडिशनल कोमन आवश्यकता लागू की जानी चाहिए। एडिशनल कैपिटल आवश्यकता रिस्क वेटेड असेट्स के 0.20 प्रतिशत से 0.80 प्रतिशत तक होती है, जो डी-एसआईबी को जिस बकेट में रखा जाता है, उस पर निर्भर करता है।
बुधवार को आरबीआई ने कहा कि एसबीआई के लिए जोखिम भारित परिसंपत्तियों (RWA) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर 1 (CET 1) की आवश्यकता 0.80 प्रतिशत है। एचडीएफसी बैंक के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता 0.40 प्रतिशत है, और आईसीआईसीआई बैंक के लिए 0.20 प्रतिशत है।