नई दिल्ली। मनोरंजन जगत से एक दुखभरी खबर सामने आ रही है, जिसने हर किसी को दंग कर दिया। भरतनाट्यम कलाकार यामिनी कृष्णमूर्ति (Yamini Krishnamurthy) का निधन हो गया है। 84 साल की उम्र में यामिनी ने आखिरी सांस ली है। भरतनाट्यम के अलावा उन्हें कुचिपुड़ी डांस फॉर्म में भी महारत हासिल थी।
यामिनी कृष्णमूर्ति डांसिंग वर्ल्ड की क्वीन थीं। उन्होंने ट्रेडिशनल डांसिंग जैसे भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी में कई अवॉर्ड अपने नाम किये थे। आज यामिनी के निधन की खबर ने उनके चाहने वालों और सेलिब्रिटीज को सदमे में डाल दिया। क्लासिकल डांसर के निधन की खबर उनकी मैनेजर और सेक्रेटरी गणेश ने दी है।
7 महीने से आईसीयू में थीं यामिनी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (3 अगस्त) को अपोलो हॉस्पिटल में यामिनी कृष्णमूर्ति ने आखिरी सांस ली। वह 84 साल की थीं। मैनेजर के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वह लंबे समय से उम्र संबंधित बीमारियों से जूझ रही थीं। वह पिछले 7 महीने से आईसीयू में भर्ती थीं।
यहां होंगे यामिनी के अंतिम दर्शन
रविवार को सुबह 9 बजे यामिनी का पार्थिव शरीर उनके इंस्टीट्यूट यामिनी स्कूल ऑफ डांस में लाया जाएगा। यहां सेलिब्रिटीज उन्हें अंतिम दर्शन दे सकेंगे। उनका अंतिम संस्कार कब होगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
यामिनी कृष्णमूर्ति को मिले थे देश के सर्वोच्च सम्मान
आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में जन्मीं यामिनी कृष्णमूर्ति का पालन-पोषण तमिलनाडु के चिदंबरम में हुआ था। साल 1957 में यामिनी ने डांस में अपना करियर शुरू किया था। बचपन से ही उन्हें डांस में दिलचस्पी थी। जैसे ही उन्होंने डांस में अपना करियर शुरू किया, वह हर ओर छा गईं।
कुचिपुड़ी डांस स्टाइल में वह ‘मशाल वाहक’ के रूप में जानी-जाती थीं। साल 1968 में उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण (2001) और 2016 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। वह यामिनी स्कूल ऑफ डांस से डांसिंग इंस्टीट्यूट चलाती थीं।