टेक्नोलॉजी

क्या WhatsApp होगा बंद? भारत में Meta को बड़ा झटका, 213 करोड़ का जुर्माना और 5 साल का बैन

WhatsApp-CCI dispute : मार्क जुकरबर्ग के मेटा को भारत में एक बार फिर दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। अतीत में सरकारी नीतियों का अनुपालन न करने पर भी कंपनी पर गाज गिरी है। अब मेटा पर 213 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। व्हाट्सएप भी संकट में है।

WhatsApp-CCI dispute : मार्क जुकरबर्ग की मेटा कंपनी भारत में एक बार फिर संकट में है। पिछले कुछ दिनों से कंपनी और सरकार के बीच विवाद कम होता नजर नहीं आ रहा है। अब ताजा मामले में मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। व्हाट्सएप भी संकट में है। कंपटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (CII) ने साल 2021 में व्हाट्सएप प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करते समय गलत बिजनेस प्रैक्टिस अपनाने के मामले में यह झटका दिया है। इतना ही नहीं, मेटा को प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकने का भी निर्देश दिया गया है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि मेटा इस संघर्ष में क्या भूमिका निभाती है। इससे पहले जब इसी तरह का संघर्ष छिड़ा था तो Meta ने भारत से हटने का संकेत दिया था।

WhatsApp-CCI dispute क्या है

WhatsApp-CCI dispute
WhatsApp-CCI dispute

इस बार CII ने मेटा को अच्छी फटकार लगाई। मेटा में फेसबुक, इस्टा और WhatsApp हैं। सोशल मीडिया यूजर्स के बीच इसकी हिस्सेदारी दूसरों के मुकाबले ज्यादा है। कंपटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने मेटा द्वारा इस प्रभुत्व के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कंपनी ने तीन साल पहले कैसे लागू की प्राइवेट पॉलिसी? यह इस बारे में है कि युजर्स की जानकारी कैसे एकत्र की जाती है और यह युजर्स जानकारी अन्य कंपनियों के साथ कैसे साझा की जाती है।

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एडवरटाइजर्स को दिया यूजर्स का डेटा

CII ने WhatsApp को हैक कर लिया है। प्लेटफ़ॉर्म युजर्स द्वारा एकत्र की गई जानकारी को एडवरटाइजर्स या मेटा के अन्य प्रोडक्ट को प्रदान करने पर रोक लगाता है। यह प्रतिबंध अगले पांच साल तक लगा रहेगा। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक यह मेटा और व्हाट्सएप के लिए बड़ा झटका है। देश में व्हाट्सएप के 500 मिलियन से अधिक युजर्स हैं।

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ऐसे इकट्ठा किया जाता है WhatsApp यूजर्स का डेटा

WhatsApp-CCI dispute
WhatsApp-CCI dispute

सीआईआई ने मार्च 2021 में व्हाट्सएप की रिवाइज्ड प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की थी। तदनुसार, मेटा ने यूजर्स इनफॉरमेशन एकत्र करने के लिए अपनी समूह कंपनियों के बीच डेटा साझा करने की क्षमताओं को अनिवार्य कर दिया है। पहले यूजर्स के पास अपना डेटा शेयर करने या न शेयर करने का विकल्प होता था। लेकिन जनवरी 2021 में नई शर्तों के मुताबिक इस विकल्प को यूजर्स से हटाने के कदम उठाए गए। इसकी आलोचना की गई। कंपनी ने यूजर्स के प्राइवेट मैसेज प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करने का वादा किया था। लेकिन मेटा (WhatsApp-CCI dispute) ने WhatsApp की ‘टेक-इट-या-लीव-इट’ नीति अपडेट में युजर्स को मेटा ग्रुप के भीतर डेटा शेयर करने के लिए मजबूर किया।

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