कहां छपता है भारत का रुपया, कौन देता है स्याही और कागज

भारतीय रुपये सिर्फ भारत सरकार के प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं।

सबसे पहले भारत में वर्ष 1926 में नोट छापने का काम शुरू हुआ था।

पूरे भारत में भारतीय नोटों को छापने के लिए कुल 4 प्रिंटिंग प्रेस हैं।

भारत में महाराष्ट्र के नासिक, कर्नाटक के मैसूर, पश्चिम बंगाल के सलबोनी, मध्य प्रदेश के देवास में नोटों की छपाई होती है।

कागजी नोट छापने के लिए देवास में ही स्याही का प्रोडक्शन होता है।

नकली नोटों को रोकने के लिए विदेश से मंगाई जाने वाली स्‍याही को कंपोजीशन में बदलाव किया जाता है।

नोट पर उभरी हुई छपाई की स्याही स्विटजरलैंड की कंपनी SICPA में बनाती है।

भारतीय नोटों में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर पेपर जर्मनी, यूके और जापान से आयात किया जाता है।

भारत के होशंगाबाद में भी सिक्योरिटी पेपर मिल है। यहां नोट और स्टांप के लिए पेपर बनाने का काम होता है।

भारतीय करेंसी के 80 प्रतिशत नोट विदेश से आने वाले कागज पर ही छपते हैं।

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