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इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरी का मास्टरमाइंड एनकाउंटर में ढेर, घोषित था 25 हजार का इनाम

लखनऊ: लखनऊ के चिनहट में इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरों ने शनिवार देर रात से रविवार सुबह तक 4 घंटे के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम दिया। इस चोरी के बाद लखनऊ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाई। मंगलवार सुबह तक सात में से तीन बदमाश अरेस्‍ट हो गए और दो का एनकाउंटर हो गया। इस बीच बैंक की बड़ी लापवाही सामने आई।

हालांकि, चोर बैंक के पीछे खाली प्लॉट से दीवार काटकर अंदर घुसे। लेकिन बैंक में सुरक्षा के लिए कोई गार्ड नहीं था। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे का एंगल भी स्ट्रॉन्ग रूम की तरफ नहीं था।

42 लॉकर तोड़े, चोरी के जेवर तीन हिस्सों में बांटे

जांच में पता चला, चोरों ने 90 में से 42 लॉकर तोड़े, जिनमें से 40 में कीमती जेवरात रखे थे। वारदात के बाद चोरों ने चोरी का सामान तीन हिस्सों में बांट लिया, ताकि किसी एक के पकड़े जाने पर पूरा माल बरामद न हो सके। पुलिस का कहना है कि चोरी में शामिल गैंग लॉकर काटने का विशेषज्ञ था, जिसने सामान्य कटर का इस्तेमाल करके लॉकर काटे।

रेकी के बाद गैंग ने दीवार काटकर बनाई योजना

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गैंग का सदस्य विपिन, जो लखनऊ का निवासी है, ने बैंक की रेकी की थी। चोर वारदात से पहले 17 दिसंबर से ही लखनऊ में मौजूद थे। उन्‍होंने शहर से 15 किलोमीटर दूर ठिकाना बनाया था। विपिन ने 7 दिन तक रेकी की, जिसमें यह भी संभव है कि वह बैंक के अंदर जाकर जानकारी जुटा चुका हो।

300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे पुलिस ने खंगाले

पुलिस ने 300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच की। कुछ फुटेज में चोर नकाब के बिना नजर आए। इसके बाद आरोपियों की लोकेशन इंदिरा डैम के पास लौलाई गांव में मिली। चेकिंग के दौरान पुलिस ने 7 में से 3 चोरों को पकड़ा, जबकि बाकी 4 फरार हो गए। पकड़े गए चोरों के पास से चोरी का आधा माल भी बरामद नहीं हुआ।

बैंक के पास मिले मोबाइल ने खोला राज

पुलिस को घटनास्थल के पास एक मोबाइल फोन मिला, जिससे कॉल ट्रेस कर आरोपियों तक पहुंच बनाई। पुलिस का कहना है कि गैंग में स्थानीय मदद भी मिली हो सकती है, क्योंकि उन्होंने गोदाम और खाली प्लॉट का सही तरीके से इस्तेमाल किया। फिलहाल पुलिस फरार चोरों की तलाश कर रही है और सर्विलांस टीम लगातार निगरानी कर रही है। जिससे जल्द अन्य बदमाशों को गिरफ्तार किया जा सके।

विपिन बताया जा रहा मुख्य सदस्य

जॉइंट पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) अमित वर्मा ने बताया कि वारदात के बाद चोर दो कारों में सवार होकर भागे। इनमें से एक कार में तीन आरोपी पकड़े गए, जबकि दूसरी कार में सवार चार बदमाश फरार हो गए। चोरों ने चोरी का सामान दो या तीन हिस्सों में बांटा था। इस तरह की साजिश इसलिए रची गई ताकि किसी एक के पकड़े जाने पर पूरा चोरी का माल बरामद न किया जा सके।

पुलिस को संदेह है कि गैंग का मुख्य सदस्य विपिन कुमार वर्मा इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, चोरी के तीसरे हिस्से के साथ हो सकता है। JCP ने बताया कि पकड़े गए तीन आरोपियों के पास से चोरी का आधा हिस्सा भी बरामद नहीं हुआ है।

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