टेक्नोलॉजी

Electric Aircraft: अब फ्लाइट का किराया जेब पर नहीं पड़ेगा भारी, जल्द आ रहा E-Airplane

आने वाले समय में अब हवाई यात्रा भी ई-प्लेन के जरिये की जाएगी। हाल ही में  Elysian E9X नाम की एक स्टार्टअप कंपनी ने पूरी तरह से Electric Aircraft के लिए अपने डिजाइन का अनावरण किया है, जिसमें 90 यात्री बैठ सकते हैं। इस प्लेन को अगले 10 सालों के भीतर लॉन्च करने की योजना है।

‘E9X’ कॉन्सेप्ट को डच कंपनी Elysian के विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किया गया है। यह एक बैटरी चालित विमान (Electric Aircraft) है, जो 360 वाट-घंटे प्रति किलोग्राम के बैटरी पैक के आधार पर एक बार चार्ज करने पर 500 मील (800 किलोमीटर) तक उड़ान भर सकता है। भविष्य में सुधारों के साथ इस स्टार्टअप के विमान की सीमा को 620 मील (1,000 किमी) तक बढ़ाने की उम्मीद है। इस विमान का डिजाइन और इसे पावर देने वाली मुख्य तकनीक हॉलैंड की डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के शोध पर आधारित है। अधिकांश सुझावों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बैटरी-इलेक्ट्रिक विमान केवल 19 यात्रियों के साथ 250 मील (400 किमी) तक की छोटी दूरी की यात्राओं के लिए ही संभव है।

Electric Aircraft कर सकता है वर्टीकल लैंडिंग

बैटरी तकनीक में प्रगति का मतलब है कि बड़े विमानों में मजबूत बैटरी लगाई जा सकती है। हवाई क्षेत्र में ऐसे महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बैटरी ऊर्जा घनत्व, वजन और दक्षता में सफलताओं पर  निर्भर होना होगा। विमानों को पहले की तुलना में अधिक वायु-गतिमान बनाया जा सकता है, जिसका मतलब है कि वे ड्रैग (ट्रैक पर चलना) को बढ़ाए बिना अधिक तेजी से लिफ्ट कर सकते हैं।

Electric Aircraft
Electric Aircraft

Electric Aircraft का किराया जेब पर नहीं पड़ेगा भारी

90 सीटर ‘E9X’ Electric Aircraft के मोटे आयामों को रेखांकित किया गया है, जिसमें पंखों में एकीकृत बैटरी, एक लो-विंग कॉन्फिगरेशन, साथ ही फोल्डिंग विंगटिप्स शामिल होंगे। विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किए गए Electric Aircraft की ऊर्जा खपत 167 डब्ल्यूएच प्रति यात्री-किलोमीटर है। जिसका मतलब है कि प्रत्येक यात्री को एक किलोमीटर तक ले जाने में 167 वाट-घंटे लगते हैं। इसका मतलब है कि Electric Aircraft का किराया आम प्लेन के मुकाबले कम होगा।

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2033 में उड़ान भर सकता है यह प्लेन 

यह केरोसिन, इलेक्ट्रो-ईंधन वाले विमानन ईंधन (ईएसएएफ) या हाइड्रोजन आधारित विकल्पों से काफी बेहतर है। उच्च घनत्व बैटरी तकनीक इस समय बड़ी चुनौतियों में से एक है, क्योंकि उत्पादन को बढ़ाना और घनत्व में अधिक सुधार करना व्यापक रूप से अपनाने के लिए महत्वपूर्ण है। यदि ऐसा होता है तो ‘ई9एक्स’ 2033 में उड़ान भरने वाला पहला इलेक्ट्रिक यात्री विमान होगा। हालांकि इससे पहले इलेक्ट्रिक यात्री विमान एविएशन ऐलिस था, जिसे नौ यात्रियों और दो चालक दल को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया था।

सिर्फ 45 मिनट में पहुंच जायेंगे दिल्ली से मुंबई

इसके निर्माता ने पहली बार पूरे उत्पादन के लिए 2027 की लक्ष्य तिथि से पहले सितंबर 2022 में एक प्रोटोटाइप का परीक्षण किया था। इस प्लेन की रफ्तार लगभग 1000 km/h होगी। बताया जा रहा है कि Electric Aircraft 45 मिनट में दिल्ली से मुंबई तक का सफर तय कर लेगी। जिसमे आज के समय करीब 2:30 घंटे का समय लगता है। कंपनी तय तारीख को इसे पूरा कर पाती है या नहीं, यह देखना अभी बाकी है। अगर सारे परीक्षण सफल रहे तो उम्मीद है कि आने वाले सालों में हम आसमान में ई-प्लेन (Electric Aircraft ) को उड़ान भरते देखेंगे। देश-दुनिया की बड़ी एविएशन कंपनियां इन प्लेन को अपने बेड़े में शामिल करना चाहती हैं।

 

 

 

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