Depression in Children: इन दिनों कामकाज के दबाव और बिजी लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में तनान बढ़ता जा रहा है और डिप्रेशन (Child Depression) की समस्या बढ़ती जा रही है। परेशानी की बात ये है कि बदलते माहौल के चलते अब छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में उनके भविष्य के साथ-साथ डिप्रेशन भी दिखाई देने लगा है। युवाओं के साथ-साथ आजकल छोटे-छोटे बच्चों में भी डिप्रेशन (Depression in Children) के मामलों को तेजी से बढ़ते हुए देखा जा सकता है।
बच्चों का गुस्सा होना, उदासी महसूस करना, अजीब व्यवहार करना सामान्य सी बात है लेकिन जब यह उदासी और गुस्सा करना हफ्तो या फिर उससे अधिक समय तक रहे तो यह एक चिंताजनक बात हो सकती है। अगर बच्चे में गुस्से के साथ चिड़चिड़ापन आ रहा है और उसका व्यवहार बदल रहा है तो यह डिप्रेशन (Depression in Children) हो सकता है। पैरेंट्स को अपने बच्चों के ऐसे लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपके बच्चे के व्यवहार में अचानक बदलाव आ गया है तो कैसे आप अच्छी पेरेंटिंग करके उन्हें इस मुश्किल से निकाल सकतीं हैं, आइये जानतें हैं।
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण (Depression in Children)
उदास रहना: अगर आपका बच्चा कई सप्ताह और महीने भर तक उदास बना रहता है और उदासी के साथ-साथ अगर आपका बच्चा सबके साथ रहने के बजाय अकेले ही रहना पसंद करता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्साने लगता है, चिड़चिड़ाने लगता है तो आपको अपने बच्चे पर ध्यान देने की ख़ास जरूरत है। (Depression in Children)
अकेले में समय बिताना: अगर आपका बच्चा भी उदास है और वह ज्यादातर समय अकेले में बिताता है, वह भीड़भाड़ से अलग रहने की कोशिश करता है तो यह डिप्रेशन (Depression in Children) का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है। डिप्रेशन से ग्रसित अधिकांश लोग शांत और अकेले में समय बिताना पसंद करते हैं उनकों किसी का साथ रहना अच्छा नहीं लगता।
एन्ज्वॉय न करना: अगर कोई बच्चा उन खेलों में रुचि नहीं ले रहा जिनका वह पहले खूब आनंद लेता था तो यह भी डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। वह दोस्तों के साथ भी अगर कम समय बिताता है तो आपको इस पर गौर करने की जरूरत है। (Depression in Children)
खुद से बात करना: अगर आपका बच्चा खुद से बात करने लगता है, अकेले बैठ कर खुद से सवाल कर के खुद ही जवाब देने लगे और साथ ही बैठे-बैठे किसी भी चीज़ पर गुस्सा निकालने लगे, चीज़ें फेंकने लगे तो समझ जाइये कि ये डिप्रेशन (Depression in Children) के ही लक्षण हैं।
खाने पीने का मन न करना: अगर आपका बच्चा लंबे समय तक खाए-पीये नहीं और साथ ही उसे नींद भी कम आने लगे तो समझ जाइये कि ये भी डिप्रेशन के ही लक्षण है और अब आपको अपने बच्चे की ख़ास देखभाल करने की भी काफी जरूरत है।
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डिप्रेशन के लक्षण होने पर क्या करें? (Depression in Children)
बच्चे से करें बात: बच्चे को डिप्रेशन (Depression in Children) की स्थिति से निकालने के लिए आप उससे जितनी ज्यादा हो सके बातें करे। फिर चाहे वो बच्चे के स्कूल की बात हो, उसके फेवरेट खाने-पीने की बात हो या उसकी होने वाली परेशानियों की। अपने बच्चे से हर बात करें, ऐसा करने से उसे मोटीवेटड फील होगा और वो अपनी स्थिति से उबरने की कोशिश करेगा।
रखें मोबाइल से दूर: आज-कल बच्चों के डिप्रेशन (Depression in Children) में जाने का सबसे बड़ा कारण मोबाइल फोन भी बन गए है। आजकल जब से घर, पैरेंट्स का ऑफिस बना है तब से वे बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते और बच्चे हर समय फ़ोन में लगे रहते है और साथ ही कई तरह के हिंसक गेम्स भी खेलते रहते है, जो उन्हें बेहद ही डिप्रेशन में डाल सकता है।
बच्चों को दें प्यार: बचपन एक ऐसा समय होता है जब बच्चा सबसे ज्यादा किसी चीज़ का भूखा होता है तो वो है मां का प्यार। इसीलिए जब भी अपने बच्चे से बात करें तो उसका हाथ पकड़े, प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरे और उसे ये दिखाएं कि आप उनसे बहुत प्यार करतीं हैं। (Depression in Children)
डॉक्टर की सलाह लें: अगर अपनी तरह से कोशिश करने के बावजूद भी बच्चे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है तो आप डॉक्टर की सलाह लें।
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