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PM Modi ka Sambodhan : राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन

आज हमें Ram mandir मिला है। आज से एक हजार साल बाद भी लोग इस तारीख, इस पल के बारे में बात करेंगे। PM Modi ने कहा कि 22 जनवरी 2024 यह कैलेंडर पर लिखी कोई तारीख नहीं है, बल्कि यह समय के एक नए चक्र की उत्पत्ति है। निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है।

PM Modi भारतीय राजनीति के एक विशाल और प्रभावशाली नेता हैं, जिनका प्रधानमंत्री पद की कड़ी मेहनत, संघर्ष, और उत्कृष्टता से योगदान है। उनके आदर्शवादी और नेतृत्व के कारण, वे देशभर में लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं। उनके विशेषज्ञता क्षेत्र में नवाचार, शिक्षा, और विकास में सुधारों के माध्यम से उन्होंने देश को एक नए दिशा में मोड़ने का प्रयास किया है।

राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन
राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन

PM Modi ने कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं:

हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं।

PM Modi ने पहली बार 2014 में भारत के प्रधानमंत्री के पद के लिए चुनाव लड़ा था और उनकी भाजपा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) को हराकर भारतीय सियासत में एक नए युग की शुरुआत की। उनका स्वागत व्यापक हुआ और उन्होंने एक नये ऊर्जा के साथ राजनीति में अपनी पहचान बनाई।

PM Modi  के संबोधनों का एक विशेष विशेषता यह है कि वे सीधे, सरल और जनहित में होते हैं। उनकी भाषा साधारित होती है, जो जनसंख्या के बीच एकात्मकता बढ़ाने में मदद करती है। उनके संबोधनों में राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार करने का स्वर बना रहता है, और इससे लोग उन्हें एक सुगम और सशक्त नेता के रूप में देखते हैं।

उनके संबोधनों में आम जनता के साथ संवाद करने की भावना होती है:

जो एक सकारात्मक और रचनात्मक समाज की ऊर्जा को बढ़ावा देती है। उनके भाषणों में सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान देने का प्रयास होता है, जिससे लोग उन्हें एक विचारशील और उदार नेता के रूप में मानते हैं। उनके संबोधनों में अक्सर विज्ञान, तकनीक, और अभिवृद्धि पर भी बल दिया जाता है। नरेंद्र मोदी ने डिजिटल भारत का संजीवनी यात्रा शुरू की है, जिसका उद्देश्य तकनीकी उन्नति के माध्यम से भारत को विश्व स्तर पर मजबूत बनाना है। इसके लिए उनके संबोधनों में बार-बार तकनीकी उद्यमिता और नए शिक्षा के माध्यम से विज्ञान को प्रोत्साहित करने की बात की जाती है।

PM Modi के संबोधनों में सबसे अच्छा यह है कि वे सीधे जनता के बीच बातचीत करते हैं और अपने उद्देश्यों को साफ रूप से साझा करते हैं:

उनकी भाषा सरलता और सीधापन की ओर इशारा करती है, जिससे वे लोगों के बीच एक जीवंत संवाद का माहौल बना रहते हैं। इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन एक सकारात्मक और उद्दीपनवादी दृष्टिकोण को प्रकट करते हैं, जिससे उन्हें देशवासियों के बीच एक लोकप्रिय नेता बनाए रखा गया है। उनके नेतृत्व में देश ने एक नए और सकारात्मक दृष्टिकोण की दिशा में बदलने का प्रयास किया है, जिससे भारत एक नए और समृद्धि भरे क्षण की ओर बढ़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन अक्सर देशवासियों को आत्मनिर्भरता के माध्यम से जोड़ा जाता है। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश को आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाना है। इस अभियान के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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