10 मई से चारधाम यात्रा के शुभारंभ के साथ ही केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं. चारधाम यात्रा में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को लेकर राज्य सरकार की ओर से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. गढ़वाल आयुक्त श्री विनय शंकर पांडेय और आईजी गढ़वाल के स्थलीय निरीक्षण और संबंधित जिलाधिकारियों से वार्ता के उपरांत यह निर्णय लिया गया है.
शनिवार यानि 1 जून से हरिद्वार और ऋषिकेश से 1500-1500 श्रद्धालुओं के ऑफलाइन पंजीकरण किए जाएंगे. इसके बाद यात्रियों को आगे भेजा जाएगा. गौरतलब है कि चार धामों में उमड़ी अप्रत्याशित भीड़ के मद्देनजर ऑफ लाइन पंजीकरण पर रोक लगा दी गई थी, जबकि ऑनलाइन पंजीकरण जारी हैं. इस बीच अब सरकार ने ऑफलाइन पंजीकरण को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है. शनिवार से हरिद्वार और ऋषिकेश से क्रमशः 1500-1500 पंजीकरण किए जाएंगे.
‘पहले 10 दिन में 3 लाख 19 हजार श्रद्धालु पहुंचे’
बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा के पहले 10 दिन में 3 लाख 19 हजार श्रद्धालु पहुंचे हैं. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को एक वर्चुअल बैठक के दौरान केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को चार धाम यात्रा के जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की संख्या में यमुनोत्री में 127 फीसदी, केदारनाथ में 156 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.
‘चारधाम यात्र में अब तक 64 श्रृद्धालुओं की मौत’
वहीं, बीते वर्षों की तुलना में रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु पर्वतीय इलाकों में स्थित चारों धामों की यात्रा कर रहे हैं. ज्यादा भीड़ की वजह से व्यवस्था में भी समस्या आ रही है. जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्र में अब तक 64 श्रृद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इनमें से केदारनाथ में 27, बद्रीनाथ में 21, यमुनोत्रा में 13 और गंगोत्री में 3 लोगों की मौत हुई है.