Kedarnath Temple ‘Gold Scam’: केदारनाथ में सोने पर बढ़ा विवाद, समिति ने शंकराचार्य को सुप्रीम कोर्ट जाने को कहा
Kedarnath Temple 'Gold Scam': दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राजधानी में केदारनाथ मंदिर के निर्माण का कड़ा विरोध किया। उन्होंने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह के अंदर सोने की परत चढ़ाने के काम में भी घोटाले का आरोप लगाया है।
Kedarnath Temple ‘Gold Scam’: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में दावा किया था कि केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब हो गया है। उनके इस दावे को लेकर काफी चर्चा हुई थी। लेकिन अब उन्हें केदारनाथ धाम समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट जाने की चुनौती मिली है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने शंकराचार्य पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आए दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और झूठे आरोप लगाते हैं।
शंकराचार्य का गंभीर आरोप
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, केदारनाथ धाम में सोने का घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता? अब हस घोटाले के बाद क्या दिल्ली में केदारनाथ बनेगा?
पिछले साल केदारनाथ मंदिर के एक वरिष्ठ पुजारी ने केदारनाथ मंदिर में सोना चढ़ाने के काम में 125 करोड़ रुपये तक के घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि यह लेप सोने की बजाय पीतल से बनाया गया है, हालांकि मंदिर समिति ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
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228 किलो सोना गायब
शंकराचार्य (Kedarnath Temple ‘Gold Scam’) ने कहा, ”केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है…कोई जांच शुरू नहीं की गई है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब वे कह रहे हैं कि केदारनाथ दिल्ली में ही बनेगा, ऐसा नहीं हो सकता।”
हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाएं
अजयेंद्र अजय ने कहा, ‘मैं एक संत के तौर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का सम्मान करता हूं। मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे केदारनाथ के संबंध में आरोपों पर तथ्य सामने लायें। इसके बाद उन्हें अधिकारियों के पास जाकर जांच की मांग करनी चाहिए। अगर उन्हें किसी अथॉरिटी पर भरोसा नहीं है तो हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाएं। यदि उनके पास कोई तथ्य नहीं है तो उन्हें केदारनाथ धाम का नाम खराब करने की इजाजत नहीं है।
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आरोपों से देश के अन्नदाताओं को भी ठेस पहुंची
आरोपों पर मंदिर समिति का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘केदारनाथ धाम को दिए गए स्वर्ण पदक से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। यह काम मुंबई के एक दानदाता ने किया है। इसका मंदिर समिति और सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। यह कार्य उन्होंने देश के सभी मंदिरों में किया है। उन्होंने मुंबई के सिद्धिविनायक, काशी विश्वनाथ मंदिर समेत कई मंदिरों में ऐसा काम किया है। ऐसे आरोपों से देश के अन्नदाताओं पर भी आघात होता है।
केदारनाथ धाम में मौजूद है करीब 23 किलो सोना
सोना गायब होने की अफवाह पर अजयेंद्र अजय ने भी विस्तार से प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर दूंगा कि केदारनाथ धाम में मौजूद सोना करीब 23 किलो है। उससे पहले यहां चांदी की प्लेटें थीं। उनका वजन 230 किलो था। तब मीडिया में कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि 230 किलोग्राम चांदी की जगह उतनी ही मात्रा में या उससे कम मात्रा में सोना ले लिया गया होगा।
1000 किलो तांबे का इस्तेमाल
मंदिर में सोना चढ़ाया हुआ है। इसमें 1000 किलो तांबे का इस्तेमाल किया गया है और इस पर 23 किलो सोना चढ़ाया गया है। इस टेक्नोलॉजी को स्वर्ण मंदिर समेत कई जगहों पर अपनाया जाता है।
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