ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष को लगा झटका, तहखाने की छत पर होती रहेगी नमाज, कोर्ट ने मरम्मत पर लगाई रोक

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण में शुक्रवार को वाराणसी की कोर्ट में अलग-अलग मामलों में सुनवाई हुई है. जिसमें से एक मामले में न्यायालय अपना आदेश दे दिया है. लखनऊ की एक सामाजिक संस्था जन उद्घोष की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें ज्ञानवापी में व्यास जी तहखाने की की छत की मरम्मत और मुस्लिम समुदाय के प्रवेश को छत पर रोकने की मांग की गई थी. यह याचिका नंदी जी महाराज विराजमान के रूप में दाखिल की गई थी. फिलहाल यह याचिका खारिज की गई है, जबकि राखी सिंह और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी बाकी है. इस पर अभी निर्णय नहीं आया है.

बता दें कि राखी सिंह समेत अन्य के मामले में पिछली डेट पर अदालत ने सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था. इसमें व्यासजी के तहखाने की छत पर मुस्लिमों के जाने पर रोकने की मांग की गई है. जब जनवरी में कोर्ट ने तहखाने में पूजा-पाठ शुरू करने का आदेश दिया था, उसके बाद हिंदू पक्ष की तरफ से तहखाने की छत और खंभों के कमजोर होने के कारण यहां पुजारी पर खतरे की बात करते हुए एक एप्लीकेशन दी गई थी. छत और खभों की मरम्मत के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों का छत पर प्रवेश रोकने की भी अपील की गई थी.

इस मामले में विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से भी हलफनामा देते हुए जर्जर छत की मरम्मत की बात कही गई थी, जिस पर पिछली तिथि को सुनवाई पूरी कर ली गई है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. इस पर अभी फैसला नहीं आया है.

वहीं एडीजे सप्तम अवधेश कुमार की कोर्ट में शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर में उर्स और मजार पर चादरपोशी मामले में कुछ हिंदूओं के पक्षकार बनाने के खिलाफ लंबित निगरानी अर्जी पर सुनवाई होनी है. यह अर्जी पर लोहता निवासी मुख्तार अहमद ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दी है. इसके अलावा सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में हारतीरथ पर स्थित कृति वाशेश्वर महादेव मंदिर मामले पर भी सुनवाई होगी. यह स्थान भी मंदिर और मस्जिद एक साथ होने की वजह से विवादित है.

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