स्मार्टफोन यूजर्स की जासूसी करते पकड़े गए 12 Android Apps, आपके फोन में भी हैं तो तुरंत करें डिलीट!

हाल ही में साइबर सिक्योरिटी कंपनी ESET के रिसर्चर्स ने ऐसे 12 Android Apps का पता लगाया है, जो भारत और पाकिस्तान में Android यूजर्स की जासूसी करते पाए गए हैं। इन Apps ने सैंकड़ों की संख्या में डिवाइस को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें समाचार और मैसेजिंग एप भी शामिल हैं। इन Apps ने ज्यादातर भारत और पाकिस्तान के यूजर्स को शिकार बनाया है, जिन्होंने सैंकड़ों की संख्या में डिवाइस को नुकसान पहुंचाया है। ESET की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन Apps में VajraSPY मैलवेयर पाया गया है, जो खास जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये एप्लिकेशन गुप्त रूप से वज्रास्पी रिमोट एक्सेस ट्रोजन (VRT) कोड चलाते हैं, जिसका उपयोग जासूसी के लिए पैचवर्क एपीटी समूह द्वारा किया जाता है।

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ESET ने बताया कि “हमारा मानना ​​है कि पीड़ितों से हनी-ट्रैप स्कैम के जरिए संपर्क किया गया था, जहां कैंपेन ऑपरेटर्स ने दूसरे प्लेटफॉर्म पर अपने लक्ष्यों में रोमांटिक और/या यौन रुचि का दिखावा किया और फिर उन्हें इन ट्रोजनाइज्ड ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए मना लिया।”  इनमें से 12 ऐप्स Google Play Store में थे, बाकी (Xamalicious सहित) थर्ड पार्टी  ऐप स्टोर में उपलब्ध हैं। भले ही Google ने सभी ऐप्स हटा दिए हैं, फिर भी यदि यह ऐप्स  यूजर्स के डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल हैं तो उन्हें उन्हें स्वयं अनइंस्टॉल करना होगा।

इन 12 Android Apps को किया गया बैन

  • Hello Chat
  • Rafaqat News
  • Nidus
  • Tik Talk
  • Chit Chat
  • Wave Chat
  • Prive Talk
  • Yoho Talk
  • Glow Glow
  • Lets Chat
  • Quick Chat
  • Meet Me

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Google ने Play store से किया डिलीट

ये 12 एप्लिकेशन पहले Google Play Store पर उपलब्ध थे, लेकिन अब Google ने इन एप्लिकेशन को Play Store से हटा दिया है। यदि ये Apps  यूजर्स के फोन पर पहले से मौजूद हैं, तो उन्हें खुद से इन Apps को अपने फोन से डिलीट करना होगा। कथित तौर पर साइबर अपराधी इन Apps के जरिए भारत और पाकिस्तान में एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बना रहे हैं। सुरक्षा अनुसंधान फर्मों का मानना ​​है कि साइबर अपराधी हनी ट्रैप, रोमांटिक या सैक्सुअल एक्टिविटीज़ का उपयोग करके यूजर्स को निशाना बना सकते हैं।

थर्ड पार्टी ऐप को भूलकर भी न करें डाउनलोड

अगर मोबाइल को हैकर्स से बचाना चाहते हैं, तो गलती से भी थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड न करें। ऐसा करने से आपका फोन और पेर्सनल डाटा सेफ रहेगा। इन थर्ड पार्टी ऐप में ऐसे लिंक और मैलवेयर होते हैं, जो यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के साथ-साथ फोन को नुकसान पहुंचाते हैं।

ऐसे पता करें कि आपका फोन हैक हुआ है या नहीं

जब कोई फोन हैक हो जाता है तो वह अजीब हरकतें करने लगता है। कई Android Apps  खुद से खुल जाते हैं। आपके मोबाइल डेटा भी तेजी से खर्च होने लगता है। फ़ोन में नए एप्प्स खुद से डाउनलोड हो जाते। फ़ोन ज़्यादा गरम हो जाता है और फ़ोन पर पॉप-अप विज्ञापनों की बाढ़ आ जाती है। जब आप इंटरनेट पर सर्फिंग कर रहे होते हैं तो आपके फोन पर इतने सारे विज्ञापन आते हैं कि आपको चिंता होने लगती है। अगर आपका फोन हैक हो गया है तो उसे इस्तेमाल न करें, दूसरे फोन से अपना काम करें। अपने फ़ोन का बैकअप अवश्य लें। यदि आपका फोन हैक हो गया है, तो उसे फॉर्मेट करें। फोन की फोरेंसिक जांच कराना ही उचित है। वहीँ अगर आप अपने फोन को लगातार अपडेट करते रहेंगे तो आप लेटेस्ट पैकेज का इस्तेमाल करके हैकिंग से अपने फोन को बचा सकते हैं।

 

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