भ्रस्टाचार की खबर उजागर करना पत्रकार को पड़ा भारी, लिखा गया मुकदमा

जिला उप क्षय रोग ने भी लगाए जिला क्षय रोग अधिकारी ड्रा0 भानुप्रताप पर भ्रटाचार के आरोप

हमीरपुर :– देश में पत्रकारो को चौथा स्तंभ माना जाता है और उनको अपनी कलम के जरिये निष्पक्ष तरीके से लिखने का पूर्ण अधिकार भी दिया गया है , पर जब भी पत्रकार अपनी कलम के जरिये कुछ काले कारनामो व भ्रटाचार पर अपनी कलम की धार को तेज करता है या उसे उजागर करता है तो उन्हें तमाम तरह की तरह परीक्षाओं से गुजरना पड़ता। जिस तरह से पत्रकारो के साथ देश मे हो रहे उत्पीड़नो को भी कही न कही नकारा नही जा सकता जिसका जीता जागता सबूत जनपद में भी देखने को मिला है। कवरेज के दौरान पहले भी पत्रकारों के साथ पुलिसिया उत्पीड़न इस बात का सबूत है।हालांकि जांच उपरांत उनके विरुद्ध कार्यवाही भले ही लाइन हाजिर के रूप में हुई हो पर ये कोई ठोस कार्यवाही नही कही जा सकती।जब तक इन मामलों में प्रशासन व सरकार ठोस कदम नही उठाती तब तक यह उत्पीड़न रुकेगा नही हालांकि इन मामलों में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सजग है उन्होंने पत्रकारो के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए तथा प्रशासन को पत्रकारो को सुरक्षा प्रदान करने के आदेश भी जारी किए पर उनका असर धरातल पर नाम मात्र ही देखने को मिलता है।विगत दिवस एक ग्रामीण पत्रकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में प्राइवेट प्रैक्टिस व सरकार द्वारा आमजन को दी जाने वाली दवाओं को अपने आवास में प्राइवेट प्रैक्टिस के दौरान प्रयोग कर इलाज के नाम पर फीस के रूप में भारी भरकम राशि वसूलने के मामले में शिकायत करने व उसकी ख़बर प्रकाशित करने से नाराज स्वास्थ्य विभाग में तैनात जिम्मेदार जिला क्षय रोग अधिकारी भानुप्रताप द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पत्रकार अजय अवस्थी पर वीडियो वायरल करने की धमकी देने व रुपये मांगने का आरोप लगा मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है।जबकि पत्रकार अजय अवस्थी से हुई बातचीत के दौरान बताया गया कि अपने सरकारी आवास में प्राइवेट प्रैक्टिस व मरीजो से फीस के एवज में रुपये लेने की मामला प्रकाश में आ रहा था जिसकी सत्यता को परखने के लिए वह मरीज बन ड्रा0 भानुप्रताप के यहाँ गए जिस पर डॉक्टर ने अपने आवास पर अच्छी तरह से देखने की बात कह आवास में ले गए और वहाँ जाकर मरीज बने पत्रकार ने बीमारी के लक्षण बताने पर उसको देख दवा दी तथा देखने के एवज फीस व दवाओं के एवज में अच्छी खासे रुपये भी दिए।भ्रटाचार की परतें उजागर होने पर खबरों को प्रकाशित किया गया जिससे बोखलाये डॉक्टर साहब ने फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी।जबकि तैनात डॉक्टर की नियम विरुद्ध कार्यप्रणाली के मामले में वीडियो वायरल होने व शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा संज्ञान ले दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच भी बैठा दी गयी है।फिर भी पत्रकार पर पुलिस द्वारा डॉक्टर की शिकायत पर पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

ड्रा0 की भ्रस्ट कार्यप्रणाली के चलते विभाग के उप क्षय रोग अधिकारी ने भी की थी शिकायत

जनपद में स्वास्थ्य विभाग में तैनात उप जिला क्षय रोग अधिकारी दीपक मणि नायक ने भी अपने उच्चाधिकारी जिला क्षय रोग अधिकारी ड्रा0 भानुप्रताप के खिलाफ जनपद के जिलाधिकारी ,मुख्यचिकित्साधिकारी व प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को शिकायती पत्र भेज आरोप लगाते हुए लिखा है कि तैनात ड्रा0 भानुप्रताप एक भ्रस्ट अधिकारी है जो विभाग पर नियमो का उलंघन कर अपने सरकारी आवास में अवैध क्लीनिक चला रहे है।बताया कि भानुप्रताप टीवी अस्पताल से सामान चुरा कर अपने प्राइवेट क्लिनिक में प्रयोग कर रहे है। वह आने वाले मरीजो को भ्रमित कर अपने प्राइवेट क्लिनिक में ले जा कर दवा जांच व फीस के नाम पर भारी भरकम रुपये ले ठगने का कार्य किया जा रहा है।वही उन्होंने कहा कि इतना ही नही चल रहे प्राइवेट क्लिनिक में टीवी अस्पताल की बोतल, ड्रिप ,इंजेक्शन,भी प्रयोग करते है।इलाज के बाद निकले बायो मेडिकल अपशिष्ट को आवास के पीछे फैक दिया जाता है जिससे आम ब्यक्तियो में संक्रमित फैलने का खतरा है।उन्होंने कहा कि ड्रा 0 भानुप्रताप द्वारा उन्हें भी प्राइवेट क्लिनिक में मरीज भेजने का दबाव बनाया जा रहा है।उन्होंने तैनात जिला क्षय रोग अधिकारी ड्रा भानुप्रताप पर उच्च्चाधिकारियो से जांच कर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।सोचने वाली बात तो यह है कि जनपद के जिलाधिकारी द्वारा पत्रकार की शिकायत व वीडियो वायरल होने पर डॉक्टर के विरुद्ध जांच बैठा देने के बाद व भ्रष्टाचारियो पर शिकायत करने वाले व उसको उजागर करने के बाद भी उस पर मुकदमा लिख देना तो क्या न्याय संगत है अगर न्याय संगत है तो फिर किसी भी आमजन व किसी पत्रकार द्वारा भ्रष्टाचार को उजागर करना संभव नही है न ही देश मे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

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