देवेंद्र फडणवीस आज तीसरी बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, अजित पवार बनेंगे डिप्टी सीएम
मुंबई। महाराष्ट्र के वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आज तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह राज्य के 21वें मुख्यमंत्री होंगे। बुधवार दोपहर भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने अपने सहयोगी दल शिवसेना के नेता एवं कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं राकांपा के अध्यक्ष अजित पवार के साथ राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
फडणवीस सरकार को समर्थन का पत्र देने के बावजूद एकनाथ शिंदे देर शाम तक असमंजस में थे कि वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं। लेकिन भाजपा के अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि फडणवीस के साथ शाम को हुई उनकी बातचीत सकारात्मक रही है। वह और अजित पवार फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा भव्य समारोह
नई सरकार का शपथ ग्रहण गुरुवार शाम 5.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होना है। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होने जा रहे इस भव्य समारोह में राजगशासित 19 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। कई केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। लेकिन एक ओर जहां अब देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री एवं अजित पवार का उपमुख्यमंत्री बनना तय है, वहीं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की ओर से देर शाम तक बनी रही भ्रम की स्थिति महायुति के उत्साह में किरकिरी बन गई।
फडणवीस ने शिंदे के सरकारी आवास ‘वर्षा’ जाकर मुलाकात की
माना जा रहा है कि शिंदे गृहमंत्रालय के साथ ही उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने पर अड़े थे। राजभवन जाने से पहले फडणवीस ने शिंदे के सरकारी आवास ‘वर्षा’ जाकर उन्हें सरकार में शामिल होने का आग्रह किया था। लेकिन उसका कोई असर शिंदे पर नहीं हुआ। सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के बाद राजभवन में हुए संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के यह पूछे जाने पर क्या आप कल उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, शिंदे ने कहा कि वह शाम तक इस प्रश्न का उत्तर देंगे।
हालांकि इसी क्रम में शिंदे ने यह भी कहा कि 2022 में फडणवीस ने इसी स्थान पर मुख्यमंत्री के रूप में मुझे समर्थन दिया था, अब हम उन्हें दे रहे हैं। हम सब मिलजुल कर अच्छी सरकार चलाएंगे। शाम को देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर शिंदे से मिलने उनके आवास पर गए। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट की बातचीत हुई। लेकिन तब भी शिंदे की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। जबकि राकांपा अजित पवार फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को तैयार हैं।
अजित पवार फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को तैयार
उन्होंने यह बात संवाददाता सम्मेलन के दौरान भी मजाकिया लहजे में कही, कि इनका (शिंदे का) तो पता नहीं। लेकिन मैं तो कल शपथ ले रहा हूं। शिवसेना में भी एकनाथ शिंदे के करीबी माने जानेवाले उदय सामंत एवं संजय शिरसाट जैसे नेताओं ने अलग-अलग बयान में कहा है कि शिवसेना के सभी विधायक चाहते हैं कि शिंदे सरकार में रहकर उनका नेतृत्व करें।
इससे पहले आज सुबह महाराष्ट्र विधानभवन के सेंट्रल हाल में भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक संपन्न हुई। जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने विधायकों से कहा कि उन्हें भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव करना है। आप जिसका नाम प्रस्तावित करना चाहें, करें। इसके बाद सबसे भाजपा के दो वरिष्ठ विधायकों एवं पूर्व मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल एवं सुधीर मुनगंटीवार ने देवेंद्र सरिताताई गंगाधरराव फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा, और दस विधायकों ने एक-एक कर उनके प्रस्ताव का समर्थन किया।
महाराष्ट्र की पिछली महायुति सरकार में ही सरकारी अधिकारियों एवं नेताओं को अपने नाम के साथ उनकी माता का नाम भी जोड़ने की पहल की थी। इसीलिए आज फडणवीस के नाम का प्रस्ताव करते समय प्रस्तावकों ने उनके नाम के साथ उनकी माता सरिताताई फडणवीस का नाम जोड़कर पुकारा।
इस जीत से हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है- फडणवीस
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद फडणवीस ने इस विधानसभा चुनाव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस चुनाव में मिला भारी जनादेश बताता है कि ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ और ‘मोदी है, तो मुमकिन है’। उन्होंने कहा कि भाजपा को मिली इस भारी जीत के लिए मैं महाराष्ट्र की जनता को साष्टांग दंडवत करता हूं। यह जीत भाजपा के लिए आनंददायक तो है, लेकिन इस जीत से हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। जो जनादेश हमें मिला है, उसका सम्मान हमें रखना है। चुनाव में दिए गए आश्वासन पूरे करने हैं।
2022 में हमें फिर अपनी सरकार बनाने का मौका मिला
पहले से चल रही योजनाएं भी पूरी करनी हैं। उन्होंने कहा कि हमें 2019 में भी जनादेश मिला था। लेकिन तब उसे चुरा लिया गया था। ढाई साल विपक्ष में बैठने के बावजूद हमारा कोई विधायक टूटा नहीं। 2022 में हमें फिर अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, और अब मित्रदलों के साथ एक बड़ा जनादेश मिला है। अब हमारे सामने लोगों की अपेक्षाएं पूर्ण करने की चुनौती है।