CBI Wants Lie Detector Test: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में रेप और हत्या की शिकार हुई 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ काम करने वाले चार सहकर्मियों के साथ लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा. सीबीआई का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उनके बयान एक दूसरे से मेल नहीं खाते. जिनके साथ लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा उनमें – पोस्ट ग्रेजुएट फर्स्ट ईयर के दो ट्रेनिंग डॉक्टर, एक हाउस सर्जन और एक इंटर्न डॉक्टर शामिल है.
केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि ऐसा लगता तो नहीं है कि चारों डॉक्टर अपराध में शामिल थे, लेकिन यह जांच करना बेहद जरूरी है कि क्या उन्होंने सबूत के साथ छेड़छाड़ करने में कोई भी भूमिका निभाई है या वह किसी साजिश का हिस्सा थे. जांचकर्ताओं ने डॉक्टर के साथ रेप और हत्या से पहले की रात की घटनाओं को भी जोड़ा. समय सीमा के अनुसार इन चारों में से एक डॉक्टर ने 9:30 बजे सुबह सेमिनार हॉल मैं डॉक्टर के शव को देखा और अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी. सीबीआई का यह भी कहना है कि जांच से पहले चारों डॉक्टर से शहर की पुलिस ने पूछताछ की थी.
जांच में सीबीआई को क्या मिला?
तीसरी मंजिल पर स्थित सेमिनार हॉल में इन चार डॉक्टरों में से दो के फिंगरप्रिंट उस जगह मिले हैं जहां पर सब था. सीबीआई ने सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले तो यह पता चला कि हाउस सर्जन पहली मंजिल से तीसरी मंजिल पर जाता हुआ दिखा. उसने कहा कि वह उसे रात 2:45 पर तीसरी मंजिल पर गया था और इंटर्न तीसरी मंजिल पर ही था और उसने पीड़िता से बात भी की थी.
घटना वाली रात क्या हुआ था?
सीबीआई ने बताया कि महिला डॉक्टर और पोस्ट ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के दो ट्रेनिंग डॉक्टर ने आधी रात में साथ खाना खाया था इसके बाद वह लोग सेमिनार रूम में गए और ओलंपिक में नीरज चोपड़ा की जैवलिन थ्रो कंपटीशन देखा. इसके बाद करीब 2:00 बजे दोनों सहकर्मी स्लिप रूम में चले गए जहां पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर रेस्ट कर रहे थे लेकिन पीड़िता सेमिनार हॉल में ही रुकी रही. वही इंटर्न का कहना है कि वह इंटर्न रूम में था और यह तीनों कमरे सेमिनार हॉल स्लिप रूम और इंटरनल रूम तीसरी मंजिल पर एक दूसरे के करीब हैं.
फिर होती है सुबह
जिस डॉक्टर के साथ महिला डॉक्टर ने खाना खाया था वह अगली सुबह करीब 9:30 बजे राउंड पर निकला. वार्ड का राउंड शुरू होने से पहले वह महिला डॉक्टर को देखने गया. कोलकाता पुलिस टाइमलाइन के अनुसार उसने दूर से ही महिला डॉक्टर का शव अचेत अवस्था में पाया. उसके बाद उसने अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ डॉक्टरों को सूचित किया जिन्होंने अस्पताल अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी.
डॉक्टरों का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
सीबीआई का कहना है कि उनको चारों डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष पर लाई डिटेक्टर मशीन का टेस्ट करने की अनुमति मिल गई है. वहीं विशेष अदालत ने भी बीते रोज शुक्रवार को इसके लिए सीबीआई को हरी झंडी दे दी है. खास बात यह है कि लाई डिटेक्टर टेस्ट केवल अदालत की अनुमति और संदिग्ध की सहमति के बाद ही किया जा सकता है.