माफ़ी लायक नहीं होता है ये महा पाप, आदमी की हो जाती है जिन्दगी बर्बाद
आचार्य चाणक्य ने निति शास्त्र में ऐसे पाप का वर्णन किया है जिसकी कभी माफ़ी इंसान को नहीं मिलती है.
चाणक्य कहते हैं की ऐसा पाप करने वाला आदमी महापापी होता हो जो हमेशा परेशान रहता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं की कोई भी मनुष्य सिर्फ हथियार ही नहीं बल्कि शब्दों से भी घायल कर सकता है.
चाणक्य के अनुसार, इंसान के शब्द ही ऐसी चीज है, जो बिना हाथ लगाए दूसरों पर वार कर देते हैं.
ऐसे में चाणक्य कहते हैं कि जिस इंसान ने कभी अपने माता-पिता को अपशब्द कहकर मन दुखाया हो, वह महापापी कहलाता है.
चाणक्य के अनुसार, इंसान का यह ऐसा पाप है, जिसे करने के बाद उसे कभी क्षमा नहीं मिल सकती है.
इंसान क्रोधित होकर अपने माता-पिता को बोल तो देता है लेकिन जीवनभर पछतावा करता है.
दूसरी ओर, चाणक्य कहते हैं की माता-पिता के दिन को भी संतान के ऐसे व्यवहार से गहरी ठेस पहुँचती है.
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