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पिता को अपनी बेटी का दहेज वापस लेने का अधिकार नहीं, Dowry Prohibition Act के तहत दिलचस्प फैसला

Dowry Prohibition Act : सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि दुल्हन के पिता को शादी के समय दिए गए उपहार वापस लेने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि इस तोहफे की हकदार सिर्फ लड़की है।

Dowry Prohibition Act : एक पिता को अपनी बेटी का दहेज वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है। दहेज वसूलने के लिए ससुरालवालों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी।
दहेज विरोधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दहेज प्रतिबंध अधिनियम, 1961 की धारा 6 के प्रावधानों का कोई उल्लंघन नहीं है। साथ ही, दुल्हन के पिता को दूल्हे या उसके परिवार से शादी में दिए गए उपहार वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि उपहार की हकदार सिर्फ बेटी है। जस्टिस संजय करोल और जेके माहेश्वरी ने तलाक से जुड़े एक मामले पर यह फैसला सुनाया। जिसमें बेटी के तलाक के बाद ससुराल वालों द्वारा स्त्रीधन न लौटाने पर पिता ने मुकदमा दायर किया था।

डिवोर्स के 5 साल बाद केस दर्ज

लाइव लॉ के मुताबिक, एक पिता ने अपनी बेटी के तलाक के 5 साल बाद उसके ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इसमें उसने आरोप लगाया था कि उसके ससुर से बार-बार स्त्रीधन मांगने के बाद भी वे नहीं दे रहे थे।

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महिला अपने स्त्रीधन की अकेली मालिक

Dowry Prohibition Act
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विवाह के समय माता-पिता द्वारा सोने के आभूषण और अन्य वस्तुएँ उपहार में दी जाती हैं। जब कोई शादी टूटती है तो स्त्रीधन नाम की इन चीजों का मालिक कौन होता है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें कहा गया है कि एक महिला अपने स्त्रीधन (Dowry Prohibition Act ) की अकेली मालिक होती है। तलाक के बाद महिला के पिता को पूर्व ससुराल वालों से यह उपहार वापस पाने का कोई अधिकार नहीं है।

दहेज की वसूली के लिए किया केस

पी वीरभद्र राव की बेटी की शादी दिसंबर 1999 में हुई। शादी के बाद पति-पत्नी अमेरिका चले गये. शादी के 16 साल बाद पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी दी। मिसौरी के लुईस काउंटी सर्किट कोर्ट में फरवरी 2016 के समय दरम्यान आपसी सहमति से विवाह का भंग हो गया था।

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संपत्ति और वित्तीय मामलों को लेकर एक अलग समझौता हुआ। इस महिला ने तलाक के बाद 2018 में दूसरी शादी कर ली। इस मामले के तकरीबन तीन साल के बाद, पी वीरभद्र राव ने दहेज वसूली के लिए हैदराबाद में अपनी बेटी के पूर्व ससुराल वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।

पिता को बेटी के दहेज को वापस लेने का अधिकार नहीं

Dowry Prohibition Act
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महिला के ससुराल वालों ने तेलंगाना अदालत में एफआईआर को रद्द करने की मांग की, लेकिन असफल रहे। आख़िरकार, चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए पिता को अपनी बेटी के दहेज को वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है। स्त्री को अपने स्त्रीधन पर पूरा अधिकार है। बेटी जब तक जीवित है तब तक उसका पूरा अधिकार है।

दहेज अधिनियम की धारा 6 को किया स्पष्ट

Dowry Prohibition Act
Supreme court

कोर्ट ने दहेज प्रतिबंध कानून की धारा 6 को भी स्पष्ट करते कहा है कि शादी के समय दिए गए गिफ्ट्स यह मतलब नहीं कि अनुच्छेद 6 के तहत ससुराल वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। शिकायतकर्ता के आरोप निराधार हैं और कानूनी रूप से बिल्कुल ही सही नहीं हैं।

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