इंटरनेट एक समुद्र की तरह है। हम इसका केवल एक छोटा सा हिस्सा देखते हैं, लेकिन इसके अंदर एक विशाल, छिपी हुई दुनिया है जिसे Dark Web के नाम से जाना जाता है। हमारे द्वारा प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली परिचित वेबसाइटों के विपरीत, डार्क वेब गुमनाम रूप से संचालित होता है और अक्सर अवैध गतिविधियों से जुड़ा होता है। आइए गहराई से जानें और जानें कि डार्क वेब क्या है।
डार्क वेब इंटरनेट का एक हिस्सा है जिसे Google या बिंग जैसे पारंपरिक सर्च इंजन पर नहीं है। इन वेब ब्राउज़र का उपयोग करने के बजाय, Dark वेब तक पहुंचने के लिए विशेष सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है, जैसे कि टोर (द ओनियन राउटर)। टोर उपयोगकर्ताओं को अपने इंटरनेट ट्रैफ़िक को एन्क्रिप्ट करके यूजर को सीक्रेट रूप से ब्राउज़ करने में सक्षम बनाता है, जिससे उनकी ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। डार्क वेब पर मौजूद वेबसाइटों के डोमेन नेम काफी सिक्योर और इनक्रिप्टेड होते हैं। इनके एक्सटेंशन के पीछे .com या .in नहीं बल्कि .Onion लगता है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी का सबसे बड़ा बाजार
Dark Web पर वैध से लेकर अवैध तक हर प्रकार की चीजें मिलती हैं और यह अवैध गतिविधियों का केंद्र होने के लिए कुख्यात है। यह अक्सर दवाओं, हथियारों, चोरी किए गए डेटा और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की बिक्री से जुड़ा होता है। आप किराये पर हैकिंग टूल, हथियार और फर्जी आईडी, यहां तक कि किसी को जान से मारने की सुपारी भी दे सकते हैं। लेकिन आपको बता दें कि चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी यहाँ बिकने वाली सबसे बड़ी चीज है। इसके लिए बच्चों और नाबालिग लड़कियों के पर्सनल डाटा चोरी कर उनसे यह काम करने को कहा जाता है, नहीं करने पर पर्सनल डेटा लीक कर दी जाती है। वहीं Dark Web पर कुछ एथिकल कम्युनिटीज और ग्रुप्स हैं जो यूजर को गलत गतिविधियों से बचाती है।
इसकी शुरुआत साल 2000 में अमेरिका से हुई थी। अमेरिकी सेना ने दुनिया भर के खुफिया अधिकारियों के साथ जानकारी साझा करने के लिए डार्क वेब बनाया। लेकिन डार्क वेब पर कम लोगों के होने से गुप्त सूचनाएं लीक हो सकती थीं। इसलिए डार्क वेब को और सीक्रेट बनाने के लिए इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया कर। ज्यादा यूजर्स के यहां पर आने से गुप्त सूचनाओं का कोई पता नहीं लगा सकता था।
भूल कर भी एक्सेस करें डार्क वेब
Dark Web के बारे में जानकार कुछ लोग इसे एक्सेस करने के बारे में उत्सुक हो सकते हैं, लेकिन इससे पहले इसमें शामिल जोखिमों को समझना महत्वपूर्ण है। डार्क वेब ब्राउज़ करने से उपयोगकर्ता अवैध सामग्री और गतिविधियों के संपर्क में आ जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपको जेल हो सकती है। इसके अलावा, डार्क वेब की गुमनाम प्रकृति इसे घोटालों और धोखाधड़ी का प्रमुख लक्ष्य बनाती है। यूजर्स की पर्सनल डाटा भी चोरी होने का डर है। व्यक्तिगत जानकारी चुराने या उनके उपकरणों को मैलवेयर से संक्रमित करने वाले दुर्भावनापूर्ण अभिनेताओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऑनलाइन सुरक्षित रहें
यदि आप Dark Web के बारे में उत्सुक हैं, तो सावधानी से आगे बढ़ना सबसे अच्छा है। किसी भी संदिग्ध सॉफ़्टवेयर को डाउनलोड करने या अपरिचित लिंक पर क्लिक करने से बचें। याद रखें कि अवैध गतिविधियाँ वास्तविक दुनिया के परिणाम देती हैं, और ख़ुफ़िया एजेंसियां आपराधिक गतिविधि के लिए सक्रिय रूप से डार्क वेब की निगरानी करती हैं। किसी अज्ञात जगह जाने के बजाय, नियमित इंटरनेट ब्राउज़ करें और सुरक्षित रहें।
Dark Web का भविष्य
जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, वैसे-वैसे Dark Web भी विकसित होगा। कानून और ख़ुफ़िया एजेंसियां ऑनलाइन अपराध से निपटने के लिए लगातार अपनी रणनीति अपना रही हैं, लेकिन नई चुनौतियां सामने आ रही हैं क्योंकि साइबर अपराधी पहचान से बचने के तरीके ढूंढ रहे हैं। हालाँकि डार्क वेब हमेशा किसी न किसी रूप में मौजूद हो सकता है, यह व्यक्तियों पर निर्भर है कि वे जिम्मेदार विकल्प चुनें और ऑनलाइन अवैध गतिविधियों में शामिल होने से बचें।