‘संभल में पत्थरबाजी करने हापुड़ से आए थे लोग’… पुलिस को मिला गुमनाम पत्र

संभल : जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. पुलिस के पास एक गुमनाम लेटर भेजा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि हापुड़ से करीब दो दर्जन से अधिक युवा संभल आए थे और हिंसा के बाद लौट गए थे. इस गुमनाम लेटर के मिलने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है.

बता दें कि संभल सदर इलाके में बीते माह 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भारी वबाल हुआ था. जिसमें पथराव, फायरिंग और आगजनी में चार लोगों की मौत हुई थी. हालांकि इस घटना के बाद पुलिस की जांच पड़ताल तेज हो गई है. इस बीच संभल कोतवाली पुलिस को एक गुमनाम पत्र मिला है, जो सदर कोतवाली प्रभारी के नाम से भेजा गया है. इस पत्र में दावा किया गया है 24 नवंबर को हुई हिंसा में शामिल होने के लिए जनपद हापुड़ से 20 से 25 युवक एक पिकअप वाहन में सवार होकर संभल के लिए रवाना हुए थे. यह सभी लोग 23 नवंबर की रात्रि को संभल के लिए रवाना हुए थे. 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद सभी लौट गए थे. इस गुमनाम पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि हिंसा में शामिल होने गए युवकों की टीम का नेतृत्व करने वाले युवक का नाम नोएडा के डासना मंदिर पर कुछ दिनों पहले हुए हमले में भी आया था. पुलिस ने उसके फोटो दीवार पर भी चस्पा किए थे. पत्र में पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई है.

उधर पत्र मिलने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है. सदर कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार तोमर ने बताया कि गुमनाम पत्र की जांच की जा रही है. कहा कि हो सकता है कि कोई व्यक्ति अपनी पुरानी रंजिश के चलते गुमनाम तरीके से पत्र भेज कर अपनी मंशा पूरी करना चाहता हो, लेकिन पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.

श्रीनगर सांसद रुहुल्ला मेहंदी संभल पहुंचे, X पर लिखा- हिंसा प्रदेश की विफलता

जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर सांसद रुहुल्ला मेहंदी संभल पहुंचे हैं. इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है. वह शाही जामा मस्जिद पहुंचे. एक्स पर पोस्ट किया है-‘मैंने संभल, यूपी का दौरा किया. कल वहां पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजनों से बात करूंगा. जामा मस्जिद, जो दुर्भाग्य से विवाद का स्थल है, जाते समय मैंने क्षेत्र के स्थानीय लोगों से बातचीत की. क्षेत्र के अधिकांश व्यवसाय (दुकानें) और यहां तक ​​कि घरों पर भी ताला लगा दिया गया और लोग डरे हुए हैं. मेरी समझ यह है कि यह मुद्दा हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, क्योंकि कुछ वर्ग इसे तूल दे सकते हैं. यह एक विशेष विचारधारा बनाम मुस्लिम है. संभल में हुई हिंसा प्रदेश की विफलता है. जिन स्थानीय लोगों से मैंने बात की, उन्होंने मुझे उनके भाईचारे और सौहार्द के बारे में बताया. वे सदियों से शांतिपूर्वक एक साथ रह रहे हैं.’

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